समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतें सिर उठाने की जितनी भी कोशिशें क्यों न कर लें समाजवादी पार्टी के रहते उनका कोई भी प्रयास सफल नहीं होनेवाला है। श्री मुलायम सिंह यादव इन ताकतों के समक्ष चट्टान की तरह खड़े रहे हैं और धर्मनिरपेक्षता के लिए उनकी प्रबल प्रतिबद्धता के चलते ऐसी ताकतों का कोई भी जोड़ घटाना हमेशा विफल रहा है। श्री मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी ने सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द के साथ सामाजिक तानाबाना को बनाये रखने का काम किया है। इसी रास्ते पर मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार चल रही है। इस सरकार में सांप्रदायिक सद्भाव तथा विकास दोनों का स्थान है। कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रित तथा सामाजिक न्याय और सभी वर्गो के सम्मान सुरक्षा के लिए समाजवादी सरकार कृतसंकल्प है।
समाजवादी पार्टी ने अल्पसंख्यको विशेषकर मुस्लिमों के संबंध में जो वायदे अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए थे, उन्हें तेजी से पूरा करने का काम शुरू कर दिया है। अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं के लिए वर्ष 2012-13 के बजट में 2,074Û11 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है जो वर्ष 2011-12 की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक है। स्पष्ट है कि बसपा राज में मुसलमानो के साथ धोखा किया गया था और उनके लिए विभिन्न मदों में रखी गयी धनराशि लूट का शिकार हुई थी।
मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति का आकलन करने के लिए केन्द्र सरकार ने सच्चर कमेटी का गठन किया था। उक्त कमेटी ने इस बात को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया था कि उत्तर प्रदेश सहित देश के सभी हिस्सों में मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी बदतर है और इसलिए पूरे मुस्लिम समाज को सरकार के विशेष संरक्षण की जरूरत है। इसी रिपोर्ट के आधार पर रंगनाथ मिश्र आयोग ने भी अपनी सिफारिशें की थी। इन सिफारिशों पर केन्द्र सरकार ने अभी तक कोई अमल नहीं किया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने रंगनाथ मिश्र आयोग और सच्चर कमेटी की सिफारिशें लागू करवाने के लिए केन्द्र सरकार पर पूरा दबाव डाला है।
समाजवादी पार्टी की श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में बनी सरकार ने मुस्लिमो को रोजी रोटी के अवसर देने के साथ उर्दू भाषा को पर्याप्त तरजीह दी थी। मुस्लिमो को सम्मानपूर्वक जीने का मौका दिया था। बसपा राज में उर्दू के साथ मुस्लिमों को उपेक्षा और अपमान का जीवन जीना पड़ा। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में बनी समाजवादी पार्टी की सरकार ने उर्दू को रोजी रोटी से जोड़ने का पुनः प्रयास किया है और करीब साढ़े पांच हजार उर्दू अनुवादकों की भर्ती का शासनादेश जारी हो गया है। सरकारी विभागों में वर्ष 1994 में उर्दू अनुवादक सह कनिष्ठ सहायक के पांच हजार 61 पद सृजित किए गए थे। अदीब-ए-माहिर परीक्षा उत्तीर्ण के साथ उर्दू मोअल्लिम डिग्री धारकों को नौकरी में वरीयता देने के आदेश हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर मदरसा/मकतब शिक्षा आधुनिकीकरण योजना के क्रियान्वयन हेतु 100 करोड़ रूपए की व्यवस्था बजट में की गई है। मुस्लिम छात्र-छात्राओं के वजीफे बढ़े हैं और सरकारी उर्दू मीडियम स्कूलों की स्थापना का निर्णय हो चुका है। मुसलमानो के अंदर आत्म विश्वास पैदा करने के लिए राजकीय सुरक्षा बलों में भर्ती का विशेष प्राविधान करने का वायदा भी समाजवादी पार्टी का है। दरगाहों को संरक्षण और कब्रिस्तान की चहारदीवारी बनवाने का काम चल रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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