पान के महत्व को देखते हुए प्रदेश में पहली बार गुणवत्तायुक्त पान उत्पादन प्रोत्साहन योजना 21 जिलों मंे क्रियान्वित की गयी है। इस योजना में पान उत्पादक किसानों को कुल लागत की 50 प्रतिशत धनराशि अनुदान के तौर पर मिलेगी तथा यह राशि सीधे उनके खातों में जमा की जायेगी। किसान पान की खेती की ओर आकर्षित हों, इस हेतु योजना को प्रदेश में अधिक से अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है।
यह जानकारी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक श्री ओम नारायण सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि पान की खेती के लिए 1500 वर्ग मी0 में प्रति बरेजा का निर्माण 1,51,360 रुपये की लागत से किया जायेगा। इस प्रकार कुल 125 बरेजा का निर्माण राज्य स्तर पर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत धनराशि में 75,680 रुपये लाभार्थी कृषक को अनुदान के रूप में मिलेंगे तथा शेष 50 प्रतिशत उसे स्वयं वहन करना होगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य स्तर से 125 लाभार्थियों को चयनित कर लाभान्वित भी किया जायेगा।
उद्यान निदेशक ने बताया कि यह योजना प्रदेश के उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, ललितपुर, महोबा, बांदा, आजमगढ़, हरदोई, लखनऊ, कानपुर नगर, अमेठी, इलाहाबाद, सीतापुर, वाराणसी, मिर्जापुर एवं सोनभद्र जनपद में स्वीकृत की गयी है। उन्होंने बताया कि पान के प्रयोग एवं प्रशिक्षण का केन्द्र महोबा जनपद है, जिसमें पान से सम्बन्धित शोध कार्य एवं कृषकों को प्रशिक्षण व तकनीकी जानकारी दी जाती है। इसके साथ साथ बरेजा निर्माण की तकनीकी, कटिंग, उपचार एवं रोक कीट प्रबन्धन पर भी किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पान की प्रमुख प्रजातियों में से महोबादेशावरी, कपूरी, मगही, बनारसी, सोफिया, रामटेक, कलकतिया, बंगला, सांची, आयुर्वेदिक बंगला, मीठा व कपूरी मीठा हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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