लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज दिनांक 21 जनवरी, 2010 को छठें वेतन आयोग का लाभ केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह देने, वर्कचार्ज, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने आदि मॉगों को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे राज्य कर्मचारियों एवं शिक्षकों पर बर्बर पुलिस लाठी चार्ज की कड़ी निन्दा की है। सिंह ने कहा कि इस सरकार का लोकतन्त्र में विश्वास नहीं है। महिला पुलिस कहीं नहीं थी। पुलिस ने महिलाओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और उनके हाथ-पैर तोड़ दिए।
विधानसभा में नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने आज सिविल अस्पताल में जाकर पुलिस लाठी चार्ज में घायल राज्य कर्मियों एवं शिक्षकों से मुलाकात की और उनका हाल पूछा। उन्होंने उनकी मॉगों के प्रति पूरी सहानुभूति जताते हुए उनको समाजवादी पार्टी के पूर्ण समर्थन का भरोसा दिलाया। उन्होंनें उनकी आवाज को विधान मण्डल में भी उठाने का आश्वासन दिया और कहा कि समाजवादी पार्टी उनके आन्दोलन के साथ हैं। श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार में शिक्षकों और कर्मचारियों की न्यायोचित मॉगों को हमेशा सहानुभूति से निबटाया गया था। नेता विरोधी दल के साथ सर्वश्री राकेश सिंह राणा, एमएलसी, जिलाध्यक्ष अशोक यादव, विजय सिंह,मो0 शाहिद, नानकदीन भुर्जी, जगदीश यादव, जुगल किशोर, अखिलेश पटेल, दुर्गेश बाल्मीकि आदि समाजवादी नेता मौके पर मौजूद थे।
सिविल अस्पताल में आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष श्रीमती राधारानी पाण्डेय, महामन्त्री श्रीमती वीरबाला मिश्रा, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ की प्रदेश मन्त्री श्रीमती कान्ती पाण्डेय के अलावा श्रीमती शकुन्तला देवी (विकलांग कल्याण, इन्द्रा भवन) मो0 रिजवान (लो0नि0वि) पंकज मेहरोत्रा (अल्पसंख्यक कल्याण) श्री जगदीश जोशी (कल्याण निगम) श्री रामकिशोर (दुग्ध परिशद) , श्री परमेश्वरदीन एवं श्री आलोक सिंह (कोशागार) गम्भीर रूप से घायल हैं। श्री शिवपाल सिंह यादव को बताया गया कि लाठी चार्ज में कई महिलाएं लापता हो गई हैं। कुछ और घायल अन्यत्र इलाज करा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग घायल हैं।
इस शासन प्रशासन के कुछ अधिकारी अब अपने पद एवं कर्तव्य की मर्यादाएं भूलकर सीधे बसपा के एजेन्ट की भूमिका निभाने लगे हैं। 19 जनवरी 2010 को समाजवादी पार्टी ने जब श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में मंहगाई, भ्रश्टाचार तथा प्रशासन के खिलाफ जनान्दोलन किया था, तब लखनऊ के डी0एम0 और डी0आई0जी0 खुद डण्डे लेकर पिटाई करने निकल पड़े थे ताकि ऐसा करते देख कर मुख्यमन्त्री उनको और ज्यादा मलाईदार जगहों पर बिठा दें। यह सरकार सत्ता का दुरूपयोग करने में सभी हदें लॉघ गई हैं। पुलिस पी0ए0सी0 के बूते वह विपक्ष को कुचलना चाहती है। लेकिन बसपाई बने अधिकारियों को यह न भूलना चाहिए कि लोकतन्त्र में तानाशाही नहीं चल सकती है। इस सरकार के गिने चुने दिन रह गये हैं। सरकार बदलने पर इन सभी अधिकारियों को जनता की अदालत में अपनी जबाबदेही देनी होगी। उनके कामकाज का पूरा व्यौरा रखा जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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