लखनऊ- यूपी की मुख्यमन्त्री मायावती ने शरद पवार को केन्द्रीय कृषि मन्त्री के पद से हटाने की मांग उठाते हुए कहाकि प्रधानमन्त्री ऐसा नहीं करेंगे तो 27 जनवरी को महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमन्त्रियों की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। मायावती ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा टैक्सी का परमिट जारी करने के लिए वहां की सरकार द्वारा निर्धारित की गई नयी व्यवस्था का भी विरोध करते हुए कहा है कि उक्त फैसला संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि शरद पवार का हर बयान गैर जिम्मेदाराना तथा महंगाई बढ़ाने वाला होता है। पहले उन्होंने बयान दिया कि चीनी के दाम बढ़ेंगे। बाद में कहा कि खाद्यान्न के दाम भी बढ़ेंगे और अब बोले हैं कि दूध भी महंगा होगा। कृषिमन्त्री के पद पर बैठकर उन्हें इस प्रकार के बयान नहीं देने चाहिये। पवार ने जब.जब इस प्रकार के बयान दिये आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छूने लगीं। मुख्यमन्त्री ने कहाकि केन्द्रीय कृषिमन्त्री जमाखोरों और मुनाफाखोरों से मिले हुए हैं इसीलिए उनका हर बयान जनता को तकलीफ देने वाला तथा व्यापारियों को लाभ पहुंचाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री को चाहिये कि ऐसे व्यक्ति को तत्काल कृषि मन्त्री के पद से हटायें वरना माना जायेगा कि पवार के बयानों में प्रधानमन्त्री की सहमति है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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