Categorized | हरदोई

बाल सम्प्रेक्षण गृह नशेबाजी का अड्डा यह गोरख धंधा कहना मुश्किल

Posted on 20 January 2013 by admin

हरदोई में बाल सम्प्रेक्षण गृह में आपत्तिजनक वस्तुएं जो बरामद हुई उससे यही साबित हुआ कि यह गोरखधंधा काफी समय से फल फूल रहा था। मंहगी से मंहगी चीजें बगैर सुरक्षाकर्मियों के मारफत कोई नहीं पहुंचा सकता। यहां पर सुधारने के लिए बच्चे आए या बिगडने की पाठशाला समझ कर भेजे जाते थे। समय-समय पर निरीक्षण में कैसे सबकुछ ठीक-ठाक मिलता रहा। इसके पूर्व 2011 मंे उपद्रव होने पर उस बवाल की संज्ञा मीडिया का मुंह करके सुविधा की बात कही गई। सुविधाओं को लेकर बवाल किया गया था। उस मामले को प्रवोशेन अधिकारी ने रफा दफा किया था। अबकी बार प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विभागीय अधिकारियों की आख्या शासन स्तर पर मांगी गई है। अगर सही जांच की गई तो कई जिम्मेदार बच नहीं पाएंगे। क्योंकि यह सुविधाएं बाहरी व्यक्ति नहीं दे सकता। सिटी मजिस्टेªट अशोक शुक्ला के सामने बच्चों ने बताया कि नशीली सिगरटें जबरदस्ती पिलाई जातीं है। बुधवार की घटना में चार घंटे के ड्रामें विभागीय नुकसान के साथ आस-पास के खोखे रखे दुकानदारों की भी काफी क्षति हुई। पान की दुकान वाला गुड्डू किराए की दुकान वाला रामदास का कहना है कि हमने जीवन में इतना हंगामा फोर्स के सामने पहली बार देखा। भागे हुए बच्चों में तीन अभी फरार हैं। लखीमपुर का एक किशोर शादी शुदा है जबकि वह साढ़े तीन साल से पत्नी की हत्या के जुर्म मंे बंद है। प्रोवेशन अधिकारी योगेश सक्सेना कह रहे हैं कि 18 साल के नीचे वाले ही बाल कैदी कहे जाते है तो क्या उस किशोर की बाल विवाह मंे सलिप्तता का केस क्यों नहीं चलाया गया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in