राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, भारत सरकारी के सदस्य श्यौराज जीवन ने बताया कि मा0 प्रधान मंत्री ने 15 अगस्त 2012 को लाल किले से इस मैला ढोने की घृणित परम्परा को समाप्त करके उनका सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक जीवन उठाने के लिए कानून बना करके न्याय दिलाने की घोषणा की इस सब के पीछे पूर्व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मा0 मुकुल वासनिक जी की अहम भूमिका रही है, जिसके लिए हम मा0 मुकुल वासनिक जी का आभार व्यक्त करते है।
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्यौराज जीवन ने कहा स्वतंत्रता के 65 वर्षो के बाद भी सफाई मजदूरों को मशीन की तरह इस्तेमाल किया जाता है, सीवर आज गैस चैम्बर बन गये है, सफाई मजदूर आय दिन सीवर की सफाई कार्य हेतु सीवर में उतर कर अपने प्राणो की आहूतिया देते है, सीवर मे हुई अनगिनत नवजवान मौतो पर सरकार चुप्पी साध लेती है।
श्यौराज जीवन ने बताया कि हाल की जनगणना मे यह बात उभर कर सामने आई है कि 26 लाख लोगों की गन्दगी खुली नाली मे बहती है, आदमी उठाते है, या जानवर (सुअर) उसका निपटान करते है, उ0प्र0 में सबसे ज्यादा 4 लाख 16 हजार, महाराष्ट्र मे 2 लाख 9 हजार व मध्य प्रदेश मे 2 लाख 6 हजार, परिवार है कुल 126 जिले देशभर मे ऐसे है जहा 5 हजार से अधिक परिवारों की तादाद इन श्रेणी है इन तथ्यों के आने पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुकुल वासनिक जी ने प्राथमिकता के आधार पर सभी जिलाधीशो की बैठक ली है और वहा के जिला परिषदों के अध्यक्षों से भी चर्चा की है, व्यरूोक्रेसी का कमाल देषिए सुप्रीम कोर्ट मे सरकार की तरफ से सपथ पत्र भी दिया गया था कि देशभर मे अब सिर पर मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन हो चुका है लेकिन कई नागरिकों व संगठनों व आयोग ने मा0 पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री मुकुल वासनिक जी का ध्यान इस ओर आर्कषित किया साथ ही जनगणना के आकड़े भी आ गये, इनमे यह बात भी उभरी है की खेतों मे शौच के लिए देश भर मे अब 13 लाख 14 हजार की गन्दगी खुली नालियों मे गिरती है तो 7 लाख 94 हजार परिवारो का मैला सिर पर उठाया जाता है जबकि 4 लाख 97 हजार परिवारो को इस काम के लिए सुअर जैसे जानवरों की मदद मिलती है।
श्यौराज जीवन ने बताया कि राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की अध्यक्षा मा0 कमला गुर्जर जी के कुशल नेतृत्व में भारत भ्रमण करने के उपरान्त हमने निर्णय लिया है कि जो प्रशासनिक अधिकारीगण इस घृणित व अमानवीय कार्य को करने वाले सफाई कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने का काम, उनकी बस्तियों मे सीमेन्टेड सड़के, शौचालय, वाचनालय, स्कूल व पानी पीने की उत्तम व्यवस्था, बिजली की व्यवस्था बहन बेटियों की शादियों के लिए सामुदायिक केन्द्र (बारात घर) का निर्माण करायेगें, उनकेा आयोग की ओर से प्रशंसनीय पत्र भी भेंट कर सम्मानित किया जायेगा, जिससे उनका मनोबल बढ सके।
श्यौराज जीवन ने आगे बताया भारत में ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर उनको नियमित कराना, शुल्क शौचालयों ने काम करने वाले घृणित कार्य करने वालो को नौकरी दिलाना, इतना ही नही उन्हे पक्के मकान बनवाकर दिलाना, डाक्टर, इंन्जीनियरिंग के छात्रो को निःशुल्क शिक्षा दिलाने का काम भारत सरकार की सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री मा0 बहन शैलजा कुमारी जी, लोक सभा मे एक बिल ला रही है, जिससे भारत सरकार पास करके स्वच्छ कार्य समाज के चेहरे पर रोशनी ला रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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