समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी सरकार की प्राथमिकता में खेती और किसान हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव दोनों ही कृषक परिवार से संबंधित होने से गांव-गरीब की समस्याओं से भली भांति अवगत हैं। इसलिए खेती और किसानों को राहत देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा चुके हैं। 50 हजार तक किसान के कर्ज की माफी उसकी बंधक जमीन की नीलामी पर रोक और सरकारी ट्यूबवेल तथा नहरों से सिंचाई मुफ्त किए जाने के निर्णय तो अभूतपूर्व हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के अलावा किसी अन्य सूबे में किसानों को ऐसी सुविधाएं नहीं मिल पाई है।
प्रदेश में गेहूॅ, धान और गन्ना किसानों के पक्ष में भी निर्णय लिए गए हैं। किसानों की दशा सुधारने के लिए किसान आयेाग के गठन का निर्णय हो चुका है। किसानों की आर्थिक समृद्धि, कृषि उत्पादकता में वृद्धि और कृषि सुधारों को मजबूत करने के लिए नई कृषि नीति बनाने का कार्य प्रारम्भ हो गया है।
प्रदेश में इस वर्ष आलू का रिकार्ड उत्पादन (145 लाख टन) हुआ है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आलू किसानों को राहत देने के लिए भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था करने पर जोर दिया है क्योंकि इसके अभाव में किसान को लागत से भी कम कीमत पर फसल बेचनी पड़ जाती है। इसके साथ ही आलू की खेती के समग्र विकास हेतु नीति निर्धारण करके उसका प्रभावी क्रियान्वयन कराने की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश के आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए ताज ब्रांड आलू के निर्यातको को भाड़े में दी जाने वाली अनुदान राशि 2 रूपए प्रति किलोग्राम बढ़ा दी गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने आलू की सरकारी खरीद करने, आलू की खेती के लिए अनुदान और अनुसंधान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषकर ध्यान दिया हैं। प्रदेश में नए कोल्ड स्टोरेज खोलने पर आसानी से कर्ज मिल सकेगा। रियायती दर पर जमीन भी मिलेगी। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए कई रियायतें दी गई हैं। प्रदेश में पहली बार खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के प्रोत्साहन एवं विकास हेतु राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना संचालित की जा रही है। इसके लिए वर्ष 2012-13 के बजट में 21Û53 करोड़ रूपए का प्राविधान किया गया है। इस क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी व्यापक कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का मानना है कि किसान की समृद्धि से ही प्रदेश की समृद्धि होगी। अन्नदाता किसान अगर उपेक्षित रहा तो प्रदेश अपेक्षित प्रगति नहीं कर सकेगा। प्रदेश में कृषि के विकास की विपुल सम्भावनाएं हैं लेकिन पिछली सरकार ने कृषि की घोर उपेक्षा की और किसानों को बदहाल बना दिया। अब फिर गांवो की ओर उन्मुख नीतियों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनने की राह पर अग्रसर हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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