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सरकार असमंजस, अनिर्णय और अराजकता से ग्रस्त है

Posted on 18 January 2013 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि दस माह के कार्यकाल में सरकार असमंजस, अनिर्णय और अराजकता से ग्रस्त है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावे से इतर ज्यादातर विभागों के कार्य ठप पड़े है। बजट का अधिकांश हिस्सा खर्च नही हो पाया है जबकि वत्तीय वर्ष समाप्त होने मे मात्र दो माह शेष है।
राज्य मुख्यालय पर पत्रप्रनिधियों से बातचीत करते हुए प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने  आरोप लगाया है कि सपा सरकार दिशाहीन है। अपने दस माह के कार्यकाल में सरकार ने लोकलुभावन वादों के अलावा और कोई कार्य नही किया। इससे यह बात सिद्ध होती है कि वित्तीय वर्ष खत्म होने में मात्र दो माह शेष है और कई विभागों में बजट का अधिकांश हिस्सा खर्च ही नहीं हो पाया है। हालात यह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव तक को यह सार्वाजनिक रूप से कहना पड़ा।
उन्होने कहा कि सरकार बजट प्रावधान का कृषि क्षेत्र में 26.22 प्रतिशत , ग्राम विकास पर 35.55 प्रतिशत, पंचायती राज पर 36.55 प्रतिशत, पशुधन पर 25.63 प्रतिशत, दुग्ध शाला विकास पर 12.58 प्रतिशत , नगर विकास पर 38.21 प्रतिशत, सार्वाजनिक स्वास्थ पर 34.21 प्रतिशत, एलोपैथी चिकित्सा पर 8.45 प्रतिशत, पर्याटन पर 12.7 प्रतिशत, प्रावर्धिक शिक्षा पर 22.99 प्रतिशत, माध्यमिक शिक्षा पर 11.91 प्रतिशत, उच्च शिक्षा पर 13.19 प्रतिशत ही खर्च कर पायी जबकि सौनिक कल्याण पर 20000000.00 का बजट प्रवाधान है जिसमें 5 लाख 35 हजार आवंटित हुआ है खर्चे की स्थिति शून्य है। यह कुछ आकड़े है जिससे यह साबित हो रहा है कि सरकार की कार्य दक्षता व क्षमता क्या है?
श्री पाठक ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए की विभाग अपने बजट खर्च नही कर पा रहे है तो उसके विकास के बड़े-बड़े दावे कैसे पूरे हो रहे है? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामी का ठीकरा या तो पूर्ववर्ती सरकार पर या नौकरशाही पर थोप कर आए दिन स्थानान्तरण कर बच निकलने का प्रयास करती है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या दोषारोपण करने से ही विकास होने लगेगा और अगर होने लगेगा तो कैसे?
उन्होने कहा कि सपा प्रमुख को नसीहत देने के लिए सार्वाजनिक मंच का प्रयोग करना पड़ रहा है। जब स्थिति यह है कि सपा प्रमुख तक को मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुचाने के लिए माइक का प्रयोग करना पड़ तो आम जनता की आवाज मुख्यमंत्री तक कैसे जायेगी। सरकार बनने से पहले और बाद में भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बार-बार बिजली सुधार का दावा करते नजर आये पर असलियत यह है कि इन दस महीनो में क्या कोई बड़ा बिजली घर लगाने का करार हुआ। सैफई को छोड़ दे तो कोई बड़ी परियोजना कही शुरू हुई क्या ?
श्री पाठक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मांग करते हुए कहा कि लोकलुभावन बाते कर अपनी नाकामी से ध्यान हटाने के बजाये बेहतर होता सपा प्रमुख की नसीहतो के मद्दे नजर विकास पर ध्यान देते तथा बजट और अनुपूरक बजट में जो धन राशि जनता के विकास के मद में ली गई है वो जनहित में खर्च हो इसकी चिन्ता करते।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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