लखनऊ-उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बनाये रखने तथा मूल्य नियन्त्रण के लिए विगत छ: माह में लगातार चलाये गये प्रवर्तन अभियान में 28,926 छापे डाले गये हैं। इसके अलावा 1370 एफआईआर भी दर्ज करायी गई तथा 550 व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
खाद्य एवं रसद विभाग के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि शासन द्वारा आवश्यक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि को रोकने और रोजमर्रा की उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता का अनुश्रवण करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस समिति में वित्त, नियोजन, खाद्य एवं रसद, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं कृशि विभाग के प्रमुख सचिव, सदस्य नामित किये गये है। इसके अतिरिक्त आयुक्त, खाद्य एवं रसद, लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर/विभागाध्यक्ष, इसी विश्वविद्यालय के सख्यांकी विभाग के सेवा निवृत्त विभागाध्यक्ष एवं अपर निदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग उ0प्र0 शासन को विशेश आमन्त्री सदस्य नामित किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं एवं खाद्य पदार्थों की आपूर्ति बनाये रखने तथा इनके मूल्यों पर नियन्त्रण रखने के लिए आयुक्त खाद्य एवं रसद के कार्यालय में खाद्य नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस नियन्त्रण कक्ष के माध्यम से खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं के बाजार मूल्य की प्रतिदिन समीक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों के सम्बंध में किसी भी प्रकार की सूचना कोई भी व्यक्ति टोल-फ्री नं0 1800 180 5046 पर दे सकता हैं। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गहन प्रवर्तन की कार्यवाही की गई है।
खाद्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि शासन ने आवश्यक खाद्य पदार्थों के कृत्रिम अभाव एवं जमाखोरी पर नियन्त्रण के लिए मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को थोक व्यापारियों से वार्ता कर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि इन वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जिन वस्तुओं के थोक एवं फुटकर मूल्य में सामान्य से अधिक अन्तर परिलच्छित हों उनके थोक एवं फुटकर व्यापारियों के साथ-साथ व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों से वार्ता कर आवश्यक कार्यवाही की जाये। इन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि पर्याप्त प्रयासों के बावजूद भी मूल्यों में नियन्त्रण सम्भव न हो पा रहा हो तो जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा-6 तथा 3/7 के अन्तर्गत जरूरी होने पर जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त के माध्यम से प्रस्ताव शासन भेजकर अनुमति प्राप्त करें और तद्नुसार कार्यवाही करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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