उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री बी0एल0 जोशी ने आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में रामकृष्ण मिशन द्वारा स्वामी विवेकानन्द जी की 150 जयन्ती के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा कि हमारे राष्ट्रीय जीवन का ऐसा कोई भी पक्ष नहीं है, ऐसी कोई भी समस्या नहीं है, जिसका समाधान स्वामी जी की शिक्षाओं में न मिलता हो। उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढि़यों को स्वामी विवेकानन्द जी के जीवन और शिक्षाओं का गहन अध्ययन सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
श्री जोशी ने कहा कि विलक्षण व्यक्तित्व के धनी स्वामी विवेकानन्द एक महान संत होने के साथ देशभक्त, वक्ता, विचारक, लेखक और मानवता प्रेमी थे। स्वामी जी को उनके गुरू रामकृष्ण परमहंस उन्हें ध्यानसिद्ध पुरूष मानते थे। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने भारतीय वेदान्त, दर्शन और आध्यात्म पर सारे विश्व में भाषण दिया और देश के गौरव को देश-देशान्तरों में उज्जवल करने का सदा प्रयत्न किया।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने प्रभावशाली ढंग से भारत तथा नव भारत के बीच एक बेहतर समझ पर बल दिया था, ताकि प्राच्य व पाश्चात्य तथा धर्म व विज्ञान के बीच एक स्वस्थ सामंजस्य की स्थापना हो सके। उन्होंने कहा कि भारत एक बहुत बड़ा देश है जहां अनेकता में एकता की संकल्पना निहित है। दुनिया का कोई भी धर्म ऐसा नही है, जो लोगों को आपसी द्वेष की शिक्षा देता हो। उन्होंने कहा कि व्यापक मानसिकता व उदार दृष्टिकोण से ही मनुष्य को मनुष्य से जोड़ा जा सकता है।
इस अवसर पर स्वामी मुक्तिनाथ आनन्द ने आये हुए सभी अतिथियों को स्वागत किया तथा कार्यक्रम में लखनऊ के महापौर, श्री दिनेश शर्मा तथा श्री आर0के0 मित्तल ने भी अपने विचार रखे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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