उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी आरक्षण के खिलाफ नहीं, बल्कि पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण के खिलाफ लड़ने वाले कर्मचारियों एवं अधिकारियों का पूरा सहयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनता एवं कर्मचारी अपनी ताकत को पहचाने और पदोन्नति में आरक्षण का समर्थन करने वालों को सत्ता से उखाड़ फेंके। उन्होंने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण से संकट की स्थिति उत्पन्न होती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को राजस्थान में यदि जनता ने राजस्थान में अवसर दिया, तो पदोन्नति में आरक्षण उत्तर प्रदेश की भांति राजस्थान में भी तत्काल खत्म कर दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में राजस्थान विधान सभा के निकट अमरूदों के बाग में समता आन्दोलन समिति एवं मिशन-72 द्वारा आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। नागरिक अभिनन्दन समारोह में उपस्थित लगभग एक लाख से अधिक कर्मचारियों एवं जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी उनकी इस लड़ाई में हर तरह का सहयोग देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जनता एवं कर्मचारी बहुत जागरूक हैं। यदि इनके साथ अन्याय हुआ, तो यह आम जनता एवं कर्मचारी मतदान की तोप चलाकर आरक्षण में समर्थन करने वाले नेताओं को सबक सिखा देंगे।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी लोक सभा में आरक्षण बिल का विरोध करते समय बिल्कुल नहीं डरी कि उनकी सदस्यता भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने यदि पदोन्नति में आरक्षण समर्थन सम्बन्धी बिल न छीना होता तो यह स्वार्थी लोग देश को संकट में डाल देते। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या में बड़ा है, तो राजस्थान क्षेत्रफल में बड़ा है। उन्होंने आम जनता एवं कर्मचारियों का आह्वान करते हुए कहा कि समय है एक होने का और अपनी ताकत दिखाकर इन पदोन्नति में आरक्षण समर्थक लोगों को सबक सिखाने का। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विगत सरकार में पदोन्नति में आरक्षण लागू करने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला था और मेहनती एवं कर्मठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ अन्याय हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश एवं प्रदेश की जनता गलत नीतियों की शिकार होने के कारण मंहगाई से जूझ रही है। किसी को गरीब जनता की परवाह नहीं है, जबकि केन्द्र सरकार में एक से एक योग्य अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने देश को कभी आगे बढ़ने नहीं दिया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी भी कम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह चुनावी वर्ष है, कभी चुनाव हो सकते हैं, जनता चुनाव के लिए तैयार रहे और उनके साथ अन्याय करने वाले लोगों को सबक सिखाकर यह दिखा दे कि शासकीय कर्मचारी अपने शासकीय दायित्वों का निर्वहन करने में ही कुशल नहीं हैं, बल्कि देश एवं प्रदेश को गलत दिशा देने वाले नेतृत्व को भी पैदल करने हेतु सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह समय संघर्ष का है, समाजवादी पार्टी उनके साथ है।
कार्यक्रम में समता आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पारासर नारायण शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किए जाने के अभूतपूर्व फैसले को उत्तर प्रदेश में लागू करने वाले देश के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव हैं। उन्होंने कहा कि यदि राजस्थान में पदोन्नति में आरक्षण समाप्त नहीं हुआ तो राजस्थान की जनता पदोन्नति में आरक्षण के समर्थन करने वाले लोगों को सबक सिखायेगी। समता आन्दोलन समिति की ओर से 72 किलोग्राम की माला से माल्यार्पण, साफा एवं चांदी का मुकुट पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह भंेट कर श्री अखिलेश यादव को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति श्री पानाचंद जैन, सेवानिवृत्त आई0ए0एस0 श्री भागीरथ शर्मा, श्री गुलशन बागला, श्री पंडित राम किशन शर्मा, श्री अनिल शेखावत, श्री योगेश्वर, कैप्टन गुरूबख्श सिंह, श्री शैलेन्द्र दुबे आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त कर पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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