प्रदेष के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देंष दिये हैं कि आलू की खेती के समग्र विकास हेतु प्रदेष के आलू उत्पादकों को समय से गुणवत्तायुक्त बीज, उर्वरक, कीटनाषक,पानी व बिजली की उपलब्धता सुनिष्चित कराया जाय। आलू की नवीनतम उत्पादन तकनीकों एवं प्रसंस्करण आधारित अधिक उत्पादन देने वाली गुणवत्तायुक्त व्यावसायिक प्रजातियों को बढ़ावा दिया जाय तथा प्रगतिषील किसानों को प्रषिक्षित एवं प्रोत्साहित किया जाय। आलू के भण्डारण, विपणन एवं प्रसंस्करण हेतु अवस्थापना सुविधाओं का विकास एवं उसका कार्यान्वयन सुनिष्चित कराया जाय ताकि आलू किसानों को होने वाली अप्रत्याषित हानि से बचाया जा सके तथा समस्त स्टेक होल्डर्स को अधिकाधिक लाभ दिलाया जा सके।
श्री आलोक रंजन ने यह निर्देंेष कल यहाॅं अपने सभाकक्ष में उ0प्र0 में आलू विकास नीति 2013 के ड्राफ्ट पर विचार-विमर्ष के दौरान दिए। उन्होंने विभिन्न समितियों के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेष की खाद्यान्य समस्या को हल करने के लिए चावल एवं गेहूॅं की तरह आलू को भी मुख्य भोज्य पदार्थ के रूप में प्रयोग करने के लिए जरूरी है कि आलू के उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि लाई जाय। उन्होंने कहा कि आलू उत्पादकों को गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने से, आलू के समुचित भण्डारण के लिए नवीन तकनीकी वाले बहुकक्षीय/बहुउद्देष्यीय शीतगृहों की स्थापना, आलू की ग्रेडिंग, पैकिंग एवं टैगिंग की नवीनतम तकनीक का प्रषिक्षण देने से, आलू के प्रसंस्करण एवं इसके निर्यात प्रोत्साहन से जहाॅं उनकी आय में वृद्धि होगी वहीं आलू की क्षति भी नहीं होगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में प्राथमिकता से कार्य करने तथा आलू के भण्डारण में विवाद की स्थिति एवं बीज वितरण में असमानता तथा कालाबाजारी रोकने के लिए अधिकारियों को निगरानी रखने के निर्देंष दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेष की आय बढ़ाने के लिए आलू से संबंधित अन्य उत्पादकों को भी प्रोत्साहित किया जाय तथा इसके साथ-साथ आलू प्रदर्षनी एवं आलू गोष्ठी का भी आयोजन कराया जाय। उन्होंने आलू से संबंधित समस्त तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देष्य से आलू उत्पादन बाहुल्य क्षेत्र में ‘स्टेट पोटैटो रिसर्च इन्स्टीट्यूट’ की स्थापना की जाय तथा निजी शीतगृहों के सुनियोजित संचालन हेतु ‘वेयरहाउसिंग रिसीट सिस्टम’ लागू किये जाने के निर्देंष दिये है।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, सचिव डा0 रजनीष दुबे ने बताया कि जहाॅ विष्व में चीन के बाद भारत का आलू उत्पादन में दूसरा स्थान है वहीं उ0प्र0 देष में सर्वाधिक क्षेत्रफल उत्पादन एवं शीतगृहों वाला प्रदेष है लेकिन उत्पादकता में गुजरात एवं पंजाब के बाद आता है। उन्होंने कहा कि आलू के मुख्य उत्पादक क्षेत्र में प्रदष्ेा के ग्याहर जनपद आते हैं उन्होंने कहा कि आलू प्रदेष की प्रमुख नकदी फसल होने के कारण बड़ी संख्या में किसान आलू उत्पादन से जुड़े हंै। अतः उ0प्र0 आलू विकास नीति 2013 को प्राप्त सुझाव के साथ समग्र रूप से लागू किया जायेगा। उन्होंने जानकारी दी कि किसानों की मांग के अनुसार ‘केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान’ (सीपीआरआई) ब्रीडर बीज उपलब्ध नहीं करा पाता है। अतः गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज का उत्पादन राजकीय प्रक्षेत्रों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों के चयनित प्रगतिषील कृषकों द्वारा भी कराया जायेगा।
इस दौरान विधायक, फतेहपुर सीकरी ठा0 सूरजपाल सिंह, विधायक, एत्मादपुर डा0 धर्मपाल सिंह, महासचिव, आलू उत्पादक किसान समिति, (आगरा) श्री पुष्पेन्द्र जैन, अध्यक्ष कोल्ड स्टोरेज एसोसिएषन (उ0प्र0) श्री एम0 स्वरूप, प्रषासनिक अधिकारी पी.एच.डी. चैम्बर आॅफ कामर्स समीक्षा सिंह ने भी प्रदेष के आलू उत्पादकों से संबंधित समस्याओं एवं उनके निराकरण हेतु अपने सुझाव दिये। बैठक में विषेष सचिव, वित्त श्री अरविन्द नारायण मिश्र, विषेष सचिव, उद्यान श्री कैलाष प्रसाद, तथा अनरू विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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