शासन द्वारा अपराध नियंत्रण की दिशा में जहाॅ घटनाओं के सही पंजीकरण पर बल दिया गया है, वहीं पंजीकृत अपराधों की गुणात्मक एवं वैज्ञानिकढंग से विवेचना तथा न्यायालयों में चल रहे वादों की पैरवी प्रभावीढंग किये जाने की दिशा में भी तत्परता से प्रयास किये जा रहे है, ताकि अपराधियों को उनके किये की सजा मिल सके। प्रभावी अभियोजन हेतु अपराध की दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपदों को चिन्हित किया गया है। इसके अन्तर्गत प्रथम चरण में 6 व द्वितीय चरण में 16 इस प्रकार से कुल 22 जनपदों को चिन्हांकित कर मुकदमों की प्रभावी पैरवी एवं साक्ष्य परीक्षण आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं का सघन पर्यवेक्षण की कार्यवाही शुरू की गई है।
प्रमुख सचिव गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव ने उक्त जानकारी देते हुए आज यहाॅ बताया कि प्रदेश में नवम्बर 2012 तक सत्र न्यायालयों में कुल 2 लाख 92 हजार 969 वादों के सापेक्ष कुल निर्णित 25, 809 वादों में से कुल 8990 वादों में अपराधियों को प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप सजा दिलायी जा सकी है।
उन्होंने बताया कि महिला उत्पीड़न संबंधी अपराधों की विवेचना सहित अन्य कानून- व्यवस्था से संबंधित मामलो में प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने हेतु जनपदवार व थानावार सूचना शासन द्वारा निर्धारित बिन्दुओं पर जिलों से मांगी गयी है। अभियोजन विभाग के अधिकारियों को विशेष रुप से आपराधिक एवं असामाजिक तत्वों को योजनाबद्ध प्रकार से चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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