- पंजीकृत रिक्शा चालकों को मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा दिया जायेगा
- योजना के सफल संचालन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के अतिरिक्त तकनीकी विशेषज्ञों की समिति गठित
उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार ने अपनी प्राथमिकताओं व प्रतिबद्धताओं के अनुरूप गरीब रिक्शा चालकों को मुफ्त में मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस अभिनव योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रिक्शा चलाने वाले गरीब लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है क्योंकि मानव-चालित रिक्शा चलाने में बहुत अधिक शारीरिक श्रम लगता है, जिसके फलस्वरूप उनके स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ता है और अक्सर उन्हें टी.बी. जैसी गम्भीर बीमारियाँ हो जाती हैं। अप्रैल 2012 में एकत्र किये गये आँकड़ों के अनुसार प्रदेश में कुल 2,48,839 पंजीकृत रिक्शाचालक हैं। मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाले अत्याधुनिक सिस्टम से युक्त रिक्शा उपलब्ध कराने की योजना का एक और उद्देश्य रिक्शाचालकों को उन्हें अपने रिक्शे का मालिक बनाना है।
यह जानकारी देते हुये प्रदेश के नगर विकास व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खाँ ने बताया कि नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग के तहत संचालित की जाने वाली इस योजना की नोडल एजेन्सी राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) होगी। उन्होंने बताया कि यह योजना प्रदेश के समस्त जिलों में लागू होगी और पात्र निजी स्वामित्व के रिक्शा चालकों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के लिये वर्तमान वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये नगर विकास मंत्री ने बताया कि इसके तहत ऐसे पंजीकृत निजी रिक्शा चालकों का चयन किया जायेगा जो प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र के मूलरूप से निवासी हों। उन्होंने बताया कि योजना के तहत चयनित निजी रिक्शा चालकों को उनके निजी मानव चालित रिक्शों के बदले बैटरी/मोटर/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा मालिकाना हक के साथ दिया जायेगा। इस योजना के तहत ऐसे रिक्शा चालकों को लाभ मिलेगा जो एक निश्चित तिथि तक संबंधित नगर निकाय में पंजीकृत होंगे और जिनके आवेदन पत्र इस सम्बन्ध में स्थानीय समाचार-पत्रों में प्रकाशित किये जाने वाले विज्ञापन के माध्यम से आमंत्रित किये गये होंगे। आवेदकों की संख्या उपलब्ध मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शों से अधिक होने पर लाटरी के आधार चयनित रिक्शा चालकों को रिक्शे का वितरण किया जायेगा और अवशेष रह गये पात्र रिक्शा चालकों को अगले चरण में रिक्शे का वितरण नियमानुसार किया जायेगा।
श्री आजम खाँ ने बताया कि इस योजना के सफल संचालन के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति तथा तकनीकी विशेषज्ञों की समिति गठित की गयी है। जिला स्तर पर जिलाधिकारी/अध्यक्ष, जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यान्वयन समिति का गठन होगा। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर योजना का अनुश्रवण जिलाधिकारी/अध्यक्ष, डूडा द्वारा तथा राज्य स्तर पर राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) द्वारा किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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