राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने आज महामहिम राज्यपाल महोदय से मुलाकात करके प्रदेश सरकार के अलोकतांत्रिक कृत्यों के विरोध में ज्ञापन दिया। उनके साथ राष्ट्रीय लोकदल मध्य उ0प्र0 के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह मुन्ना भी मौजूद थे।
श्री चैहान ने ज्ञापन में कहा कि प्रदेश के 29 जनपदांें मंें जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव होना था परन्तु चुनाव आयोग ने केवल 28 जनपदों के लिए ही अधिसुचना जारी की है, मथुरा जनपद की अधिसूचना इसलिए नहीं जारी की गयी कि मथुरा के जिलाधिकारी ने रिपोर्ट दी है कि जनपद में सहकारिता के चुनाव, दाऊजी का मेला व जनपद के पुलिस बल का कुम्भ मेले की ड्यूटी में तैनात होने के कारण प्रशासन चुनाव कराने में असमर्थ है।
उक्त के क्रम में महामहिम को अवगत कराया कि सहकारिता का चुनाव पूरे प्रदेश में होना है और दाऊजी का मेला मात्र 700 गज का स्थानीय मेला है जो मात्र 3 दिन तक ही चलता है तथा वहां पुलिस डयूटी न के बराबर रहती है जबकि वृंदावन और मथुरा में प्रत्येक शनिवार और रविवार को हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं तथा प्रत्येेक पूर्णिमा को लाखोें श्रद्धालु गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं ऐसे में पुलिस बल की कमी का बहाना औपचारिकतामात्र है। इसके अतिरिक्त कुम्भ मेले का बहाना लिया जा रहा हेै जबकि इलाहाबाद में कुम्भ मेला होनेे के बावजूद भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव की अधिसूचना इलाहाबाद के लिए भी जारी की गयी है। ऐसे में इलाहाबाद सहित 28 जनपदों में चुनाव हो सकता है तो मथुरा में क्यों नहीं हो सकता।
श्री चैहान ने यह भी कहा कि मथुरा के जिलाधिकारी व चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार के दबाव में आकर मथुरा के जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव टाल दिया हैै। उन्होंने महामहिम से निवेदन किया कि उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये प्रदेश सरकार के इस अलोकतांत्रिक कृत्य को रोकने हेतु हस्तक्षेप करने की कुपा करें जिससे प्रदेश में लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की जा सके और प्रदेश के 29 जनपदों मेें एक साथ जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव कराया जाना सुनिश्चित हो सके।
श्री चैहान ने यह भी कहा कि मथुरा में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव मा0 जयन्त चैधरी जी के नेतृत्व में मथुरा मेें जिला पंचायत का अध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल का चुना जाना लगभग तय है। इसलिए प्रदेश सरकार अपनी हार से भयभीत होकर चुनाव टाल रही है।
श्री चैहान ने आगे बताया कि प्रदेश सरकार अलोकतांत्रिक कदम उठाने में जरा भी हिचक नहीं रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि उत्तरषती रजत जयन्ती समारोेह के नाम पर लोकतंत्र का माखौल उड़ाया गया है। उत्तरशती रजत जयन्ती समारोह विधान मण्डल के 125 वर्ष पूरे होने पर मनाया गया है यह उत्सव विधान मण्डल का उत्सव था परन्तु सरकार ने इसे सरकारी कार्यक्रम बना दिया। हद तो तब हो गयी जब इस समारोह के विज्ञापन व होर्डिंग्स पर विधान परिषद के सभापति तथा विधान सभा अध्यक्ष का नाम व फोटो गायब था जबकि उत्सव का आयोजक विधानमण्डल था न कि सरकार।
श्री चैहान ने बताया कि इसी तरह पूर्ववर्ती सरकार ने श्री शशांक शेखर सिंह को कैबिनेट सचिव बनाकर अलोकतांत्रिक कार्य किया था जिसका खामियाजा विधान सभा चुनाव में सत्ता से बाहर होकर भुगतना पड़ा। वर्तमान सरकार को भी उत्तरशती रजत जयन्ती समारोह के नाम पर लोकतंत्र का मजाक उड़ाना भारी पड़ेगा और इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
श्री चैहान ने कहा कि एक तरफ प्रदेश सरकार आजादी का जश्न मना रही है। आजादी की लड़ाई में बापू का महत्वपूर्ण योगदान था और बापू का सपना था कि पंचायतीराज मजबूत हो तथा पंचायतों को आजादी व अधिकार मिलें दूसरी तरफ सरकार मथुरा के जिला पंचायत चुनाव में सरकारी मषीनरी का दुरूपयोग करके लोकतंत्र तथा पंचायतीराज का मजाक उड़ाना चाहती है जो बापू के मंसूबों पर पानी फेरने जैसा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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