बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ पत्रकारों से बात करते हुये कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी होते रहना एक आम घटना सी हो गयी है, जबकि इस मामले में केन्द्र सरकार को बहुत पहले ही काफी सचेत हो जाना चाहिये था। लेकिन दुःख की बात यह है कि ऐसा नहीं हुआ, जिस कारण ही अभी हाल ही में दिनांक 08 जनवरी सन् 2013 को भारत-पाकिस्तान सीमा पर, काफी जघन्य घटना घटी है, जिसमें दो भारतीय सैनिकोें की ऐसी बर्बतापूर्वक हत्या कर दी गयी है जो अत्यन्त दुःखद व काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस घटना को भारत के साथ-साथ पाकिस्तान सरकार को भी काफी गम्भीरता से लेना चाहिये, ताकि दोनों देशों के बीच आपसी सम्बन्धों को लेकर कभी किसी किस्म की कोई कड़वाहट ना आये। ऐसी स्थिति में, सुश्री मायावती जी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में हुई इस दर्दनाक घटना की तह में जाकर ठोस कार्यवाही करने की जरूरत भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों के लिये अत्यन्त जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके।
वर्तमान की इस दर्दनाक व दुर्भाग्यपूर्ण घटना को, दोनों ही देशों को एक अक्षम्य अपराध के रूप में देखा जाना चाहिये, ताकि आगे चलकर यही कार्रवाई दोनों देशों के बीच आपसी सम्बन्ध को मजबूती प्रदान करने में सहायक सिद्ध हो क्योंकि सही मायने में आपसी विश्वास पैदा करने में ऐसी ही कार्रवाई सी.बी.एम. अर्थात् Confidence building measure साबित होंगे। साथ ही, भारत सरकार को भी यह चाहिये कि वह इस घटना को गम्भीरतापूर्वक लेते हुये, इसके तमाम् पहलुओं पर फिर से सोच-विचार करके, देशहित में आगे के लिये अब ऐसी ठोस व कारगर रणनीति अपनायें जिससे कि अपने देश के सैनिक अपनी सीमा पर आगे हर प्रकार से सुरक्षित रह सके।
इसके साथ ही, आप लोगों को यह भी मालूम है कि केन्द्र सरकार ने ‘‘पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस‘‘ आदि के कई बार दाम बढ़ाने के साथ-साथ अब ‘‘रेल सफर‘‘ को भी एक साथ काफी ज्यादा महंगा कर दिया है, जिसमें अधिकतर यहाँ गरीब एवं मध्यम वर्गों के लोग ही सफर करते हैं और वे ही अब सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
इतना ही नहीं, बल्कि इस मामले में केन्द्र की सरकार ने सभी दर्जों में रेल किराया काफी ज्यादा बढ़ा दिया है, जो यह फैसला जनहित में कतई भी ठीक नहीं है। इस प्रकार केन्द्र की सरकार ने रेल-मन्त्रालय का भी अब पूरे तौर से कांग्रेसीकरण कर दिया है, जबकि इसके पूर्व में यह रेल मन्त्रालय यू.पी.ए. के सहयोगी दलों के पास होने के कारण यह मन्त्रालय काफी कुछ कांग्रेस पार्टी की गलत आर्थिक नीतियों से बचा हुआ था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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