जिले मे चारो ओर मिलावट खोरी का धंधा जोरो पर चल रहा न खाद्य निरिक्षक न ही उनका कोई अस्तित्व आम जनता असली पैसे से नकली व मिलावटी सामान खाने पर मजबूर जिला मुख्यालय का ये हाल है तो ग्रामीणांचल मे क्या हाल होगा ।
गौरतलब हो कि जिले मे यूं तो जनता असली है पैसा असली ही चल रहा है मगर सामान नकली धडल्ले से बिक रहे है। जिन पर न कोई रोक है न ही इन मिलावट खोरो मे कोई भय है ।सब कुछ निरंकुश है पेट्रोल टंकी से पेट्रोल मे पानी मिला होने की शिकायत बढ़ गई है ।
खाश कर स्कूटी और स्कूटर वाले नकली पेट्रोल की वजह से अच्छी भली गाडी को स्र्टाट किक मारते मारते हैरान हैै डीजल वाले उपभोक्ताओ ने तो अब मिलावट खोरी से समझौता कर लिया है ।चाहे डीजल मे मिटट्ी तेल मिलाओ या पानी यही नही पेट्रोल टंकी वाले घटतौली भी खूब कर रहे है ।
मीटर मे तेल पूरा दिखेगा मगर पाईप से पूरा जायेगा नही देखना हो तो बोतल मे जेल लेकर देखा जा सकता है यहॉ भी मशीन मे सेंटिग,ट्रैकर वाले तेल लाने मे गाडी मे पिछले चक्के की हवा कम कर देते है ।सो नापने पर तेल पूरा आता है । जब टैंक से मशीन द्वारा विव्रहृी की जाती है ।तो घटतौली मिलती है लिहाजा उसकी भरपाई अन्ततरू कस्टमर ही करता है।
मगर बांट माप विभाग या जिले का कोई वरिष्ठ अधिकारी इस ओर देखना सुनना नही चाहता । प्रशासन की नाक के नीचे मिलावटी खाद्य तेल अमेठी बाडे व गल्ला मंडी स्थित थोक व्यापारी धडल्ले से बिना पर्चा बिल्टी बेंच रहे है।
पूरा ग्रामीण इलाका यही से मिलावटी सस्ता तेल प्रति मंगलवार और शनिवार को खरीदता है और खुले आम लादकर जाता है। मगर शायद ही कभी खाघ्य निरिक्षको ने इनका सैम्पल भरा हो या स्वास्थ्य प्रधिकारी ने छापामार कर इस खेल को रोकने की कोशिश की हो मिठाई के नाम पर नगर के प्रत्येक चैराहे पर आपको अस्वघ रंग डालकर बनी नकली इमरती मिलेगी खोये की जगह सिन्थेटिक कानपुर छाप डोडा बरफी पूरे जिले मे बेची जा रही है ।
और तो और स्वास्थ्य प्रधिकारी की सदर तहसील की कैटीन मे भी सही बरफी, सोहन पपडी अािद खुले आम बिकती है और तो और नगर के चित्रा स्टूडिओ की गली मे तो कुछ थोक व्यापारी है।
जो कि नकली बिस्कुट टाफी,चाकलेट जैसी बच्चो के खाने की अखाघ्य पदार्थो से निर्मित चीजो के थोक विव्रहृेता है वही किराना मंडी स्थित एक दुकानदार तो नागपुर की डोडा बर्फी, सिंथेटिक मिल्क पुडीन,सोनपपडी, मिलावटी व काफी पुरानी हार्नफुल रंगो से निर्मित बूंदी,इमरती आदि धडल्ले से बेच रहा है।
मगर महकमा माहवारी वसूल कर जनता को अखद्य पदार्थ खाने पर मजबूर कर रहा है आश्श्च्र्य है कि स्वयं स्वास्थ्य प्रधिकारी व खाद्य निरिक्षक ये सब चीज अपने परिवार को नही खिलाते मगर इन्हे बेचने पर कोई कार्यवाही भी नही करते जिले की जनता ने मुख्य मंत्री से मांग की है कि इन मिलावट खोरो पर शासन द्वारा जांच कराकर अपनी जनता को बचाया जाये ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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