उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं लघु सिंचाई मंत्री श्री पारसनाथ यादव ने प्रदेश में वर्तमान में चल रही शीत लहर के मद्देनजर पशुपालकों, मुर्गी पालकों एवं किसानों को सलाह दी है कि ठण्ड के प्रकोप से अपने पशु-पक्षियों को बचायें। उन्हें खुले स्थान में न रखें, बल्कि बंद एवं ऊपर से ढंके हुये स्थानों में रखें। साथ ही उन स्थानों के रोशनदान, खिड़कियों एवं दरवाजों को भी टाट से ढंक दें, ताकि ठण्डी हवा का झोंका सीधे पशुओं तक न पहुॅचे। उन्होंने कहा कि उचित सुरक्षा के अभाव में इस शीत लहर से पशु-पक्षी बीमार हो सकते हैं, उनकी मृत्यु हो सकती है तथा साथ ही उनके उत्पादन में भी कमी आ सकती है।
पशुपालन मंत्री ने यह भी सलाह दी है कि पशु व पक्षी बाड़े में गोबर एवं मूत्र निकास की उचित व्यवस्था करें तथा बिछावन में पुआल का प्रयोग करें। पशु बाड़े को नमी/सीलन से बचायें। बिछावन समय-समय पर बदलते रहें तथा पशुओं को स्वच्छ ताजा पानी ही पिलायें। पशुओं को जूट के बोरे का झूल पहनायें।
श्री पारस नाथ यादव ने सलाह दी है कि पशुबाड़े या उसके बाहर अलाव जलायें, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि इससे बाड़े में आग न लगने पाये। उन्होंने कहा कि शीतलहर में संतुलित आहार पशुओं को दे तथा खली, दाना, चोकर की मात्रा को बढ़ा दें। धूप निकलने पर पशु को अवश्य ही बाहर धूप में खड़ा करें। नवजात बच्चों को खीस (कोलस्ट्रम) देकर उनका विशेष ध्यान रखें तथा प्रसव के बाद माॅ को गुनगुना पानी पिलायें। उन्होंने कहा कि अगर ठंड से प्रभावित पशु के शरीर में कॅपकपी, बुखार के लक्षण होते हैं तो तत्काल निकटवर्ती पशु चिकित्सक को दिखायें। शीतलहर में भेंड बकरियों में पी0पी0आर0 फैलने की संभावना बढ़ जाती है अतः इसका टीका लगवायें। चूजा/मुर्गी के घरों में बल्ब जलायें और ध्यान रखें कि तापमान गिरने न पाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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