लखनऊ - श्री भगवती सिंह (सदस्य राज्यसभा) एवं श्री राजेन्द्र चौधरी (प्रदेश प्रवक्ता) की संयुक्त प्रेस वार्ता मे कहा कि 19 जनवरी,2010 को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव के आवाहन पर केन्द्र राज्य सरकार की गलत नीतियों के फलस्वरूप बढ़ती मंहगाई, भ्रष्टाचार, अराजक कानून व्यवस्था के खिलाफ समाजवादी पार्टी के जनान्दोलन की व्यापक सफलता से स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। इस आन्दोलन में प्रदेश भर में करीब पचास लाख लोगों ने हिस्सा लिया। सरकारी प्रतिबंध और अवरोधों के बाद भी जन आक्रोश ने सरकार को झुका दिया।
राजधानी लखनऊ में स्वयं श्री मुलायम सिंह यादव ने अपनी गिरफ्तारी दी। जगह-जगह प्रदर्शन हुए। आन्दोलन की इस सफलता के लिए प्रदेश की जनता के साथ लखनऊ की जनता विशेषकर बधाई की पात्र है। सरकार और जिला प्रशासन के तमाम दबावों और अवरोधों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र से मुख्य मार्ग छोड़कर विभिन्न रास्तों से कार्यकर्ता लखनऊ आए और सभी कार्यकर्ता लखनऊ आए और उन्होने आन्दोलन को सफल बनाया। सभी कार्यकर्ता इस लिए भी धन्यवाद के पात्र है कि उन्होने गांवों, मोहल्लों और बाजारों में जाकर जनसम्पर्क किया और इस आन्दोलन के मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाया तथा उन्हें कुशासन के खिलाफ लामबन्द किया। सभी साथियों से आग्रह है कि वे केन्द्र राज्य की भ्रश्ट सरकारो तथा उनकी गलत नीतियों के खिलाफ जनता को और मजबूती से लामबन्द करने के प्रयास में आगे आएं और सत्ता तथा व्यवस्था परिवर्तन तक चैन से न बैठें।
समाजवादी पार्टी के 19 जनवरी,2010 के जनान्दोलन की सफलता में प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के योगदान की भी हम सराहना करते हैं। उन्होने आम जनता की पीड़ा को समझकर समाजवादी पार्टी के आन्दोलन को बल देकर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया और सरकारी तन्त्र के दबावों को दरकिनार रखा।
कल के जनान्दोलन को दबाने के लिए जिला प्रशासन ने जो रवैया अपनाया वह घोर निन्दनीय है। प्रशासन के अधिकारी अपने दायित्वों के निर्वहन के बजाए बसपा कार्यकर्ता के रूप से काम करते रहे। जिलाधिकारी और डीआईजी ने आन्दोलनकारियों के प्रति द्वेशपूर्ण आचरण किया और बर्बरता से लाठीचार्ज में निर्दोश नागरिकों, वृद्व जनों तथा महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। इसके चलते सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए। इसके लिए इन अधिकारियों को जनता से माफी मांगना चाहिए।
आन्दोलन में घायल साथियों के प्रति स्थानीय सिविल एवं बलरामपुर अस्पताल के अधिकारियों का रवैया बहुत निराशाजनक और आमनवीय रहा। आग्रह के बावजूद सिविल अस्पताल में गम्भीर घायल श्री राधेश्याम यादव एवं इन्दिरा पाण्डेय को भर्ती नहीं किया गया और रात में अस्पताल से निकाल दिया गया। बलरामपुर अस्पताल में श्री किशोरी लाल यादव, जिनका सिर फट गया था, की मरहम पट्टी भी नही की गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Vikas Sharma
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