उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां लखनऊ आर0टी0ओ0 कार्यालय में सारथी साॅफ्टवेयर आधारित ड्राइविंग लाइसेंस की स्मार्ट कार्ड योजना का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही प्रदेश के दस परिवहन कार्यालयों लखनऊ, आगरा, इलाहाबाद, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, मेरठ, झांसी, अलीगढ़ तथा बाराबंकी में यह योजना शुरू हो गई। परिवहन विभाग द्वारा अप्रैल, 2013 के अन्त तक प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों में स्मार्ट कार्ड पर ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री का ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर राज्य का पहला स्मार्ट कार्ड उपलब्ध कराया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के शुरू होने से जनता को काफी सहुलियत होगी। उन्हांेने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आवेदक को व्यक्तिगत रूप से परिवहन कार्यालय में उपस्थित होकर कम्प्यूटर पर बायोमेट्रिक्स-अंगूठा निशान, फोटो और हस्ताक्षर दर्ज कराना होगा। इस तकनीक से काफी हद तक बुराई को रोका जा सकेगा। स्मार्ट कार्ड योजना के तहत आवेदक द्वारा दी गई जानकारी में किसी भी प्रकार का फेरबदल भी सम्भव नहीं हो सकेगा, क्योंकि हर कार्यालय में दो लाइसेंसिंग प्राधिकारी को गोपनीय इलेक्ट्राॅनिक ‘की’ उपलब्ध कराई गई है। इसके माध्यम से वे जारी किए जाने वाले हर स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस को सत्यापित करते हुए इन्क्रिप्शन की से लाॅक कर देंगे।
श्री यादव ने कहा कि जारी होने वाले स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस का प्रत्येक कार्यालय में डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसी प्रकार राज्य में स्टेट रजिस्टर तथा दिल्ली में नेशनल रजिस्टर तैयार किया जाएगा। ये सभी आपस में जुड़े होंगे। इसलिए यदि कोई ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किया जाता है तो किसी दूसरे कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस जारी हो पाना संभव नहीं होगा। योजना पूर्ण होने पर किसी चालक का चालान होने की स्थिति में पूरा विवरण स्मार्ट कार्ड की चिप पर दर्ज किया जा सकता है जो बाद में कार्यालय में उपलब्ध डाटाबेस में भी दर्ज हो जाएगा। इस प्रकार चालक लाइसेंस के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
ज्ञातव्य है कि भारत सरकार के निर्देश पर एन0आई0सी0 द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने हेतु सारथी साॅफ्टवेयर तैयार किया गया है जो पूरे देश में एकरूपता की दृष्टि से लागू किया जा रहा है। इस परियोजना में प्रयुक्त होने वाले स्मार्ट कार्डाें पर कम्प्यूटराईज्ड चिप होगी जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस धारक से संबंधित समस्त महत्वपूर्ण जानकारी सुरक्षित रखी जाएगी। ड्राइविंग लाइसेंस का स्मार्ट कार्ड रीडर डिवाइस में डालकर प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा देखा जा सकेगा। जारी होने वाले हर स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस का अपना एक अलग ‘यूनीक की’ नम्बर होगा जिसे एक्सेस करके अधिकृत अधिकारियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता चेक की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त कार्ड के दोनों साइड पर प्रिन्टिंग भी होगी जिस पर लाइसेंस धारक के संबंध में अंकित प्रविष्टियों को देखा जा सकेगा। आवेदक द्वारा स्मार्ट कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस हेतु 200 रुपये फीस तथा 50 रुपये प्रति वाहन श्रेणी की टेस्ट फीस देनी होगी।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह, राज्यमंत्री परिवहन श्री मानपाल सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन श्री बी0एस0 भुल्लर, प्रमुख सचिव सूचना एवं मण्डलायुक्त श्री संजीव मित्तल, परिवहन आयुक्त श्री आलोक कुमार, जिलाधिकारी श्री अनुराग यादव एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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