प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष डा0 रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाये जाने की घटना की उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी ने सीबीआई जांच की मांग की है।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता अमरनाथ अग्रवाल ने कहा कि जहां एक ओर मा0 न्यायालय घर जलाने के दोषियों को सजा दिये जाने का निर्देश देती है वहीं दूसरी ओर दोषी अधिकारी प्रोन्नति पाकर आईपीएस बन चुके हैं। ऐसे में उचित न्याय एवं जांच प्रभावित होने की पूरी संभावना है। जब एक राष्ट्रीय पार्टी के बड़े राज़़नीतिक व्यक्ति के ऊपर किये गये अपराध की भी जांच के लिए मा0 न्यायालय को आदेश देना पड़ रहा है। ऐसे में आम जनता न्याय की उम्मीद कैसे कर सकती है।
श्री अग्रवाल ने कहाकि विगत वर्ष 2009 में तत्कालीन प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी जी का आवास, जो कि राजधानी के सबसे सुरक्षित और एनेक्सी भवन और योजना भवन के बीच में स्थित है, को पूर्ववर्ती बहुजन समाज पार्टी सरकार के शासनकाल के दौरान बसपा के विधायक एवं नेताओं द्वारा राजधानी के पुलिस के उच्च अधिकारियों की मौजूदगी एवं उनके संरक्षण में भीषण आगजनी के साथ ही तोड़फोड़ की गयी थी। उस आगजनी में भवन के साथ ही प्रांगण में खड़ीं कई कारें भी जल गयी थीं। उसी समय जिसकी एफआईआर हुसैनगंज थाने में दर्ज कराने हेतु प्रार्थनापत्र दिया गया था। लेकिन तत्कालीन सरकार के दबाव में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। जिसके विरूद्ध मा0 न्यायालय की शरण में जाने के बाद अब आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
प्रवक्ता ने कहा कि अब जबकि मा0 न्यायालय के आदेश पर कुछ दोषियों पर मुकदमा दर्ज हो गया है, ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस प्रकरण में अन्य सभी दोषी अधिकारियों एवं घटना में शामिल रहे लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुए मुकदमा दर्ज कराये व प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच कराये जाने हेतु संस्तुति करे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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