जिले में हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की वर्ष २०१३-१४ में होने वाली बोर्ड परीक्षा के लिए १२६ परीक्षा केन्द्र बनाए गए है । चार और केन्द्र बनाए जाने के लिए जेडी फैजाबाद के पास जिले से प्रस्ताव भेजा गया है । अगर चार और विद्यालयो को परीक्षा केन्द्र बनाए जाने की अनुमति जेडी की ओर से मिल जाती है तो जिले में बोर्ड परीक्षा केन्द्रो की संख्या १३० हो जाएगी ।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से हाई स्कूल व इण्टरमीडियट की तिथियों की घोषणा होने के बाद छात्र व छात्राएं बोर्ड परीक्षा की तैयारी मे लग गए है । माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट परीक्षा की तिथियां घोषित होने के बाद परीक्षार्थियों की धडकने बढ गई है । कोर्स अधूरा होने से परीक्षार्थियों को मात्र कोचिंग का सहारा रह गया है ।
हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा १२ मार्च से शुरु होगी और १८ अप्रैल को समाप्त होगी । हाईस्कूल की परीक्षा १२ मार्च से तीन अप्रैल तक १४ कार्यदिवसो मे तक चलेगी और इण्टरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा १२ मार्च से शुरु होकर १८ अप्रैल तक २५ कार्य दिवसो मे समाप्त होगी । हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट की परीक्षाएं प्रथम पाली सुबह ७रू३० बजे से शुरु होगी और १०.४५ तक चलेगी । दूसरी पाली मे दो बजे से शुरु होकर ५.१५ तक चलेगी ।
पिछले वर्ष जुलाई माह से लेकर अगस्त माह तक स्कूलो में छात्र व छात्राओं का एडमिशन चलने के कारण पढाई शुरु नही हो सकी । प्रवेश के बाद छात्र व छात्राएं कन्या विद्या धन पाने के लिए आवेदन फार्म जमा करने मे लगे रहे । उसी दौरान बेरोजगारी भत्त्ता पाने के लिए आवेदन करने में जुट गए । अगस्त माह मे स्कूलो मे रजिस्ट्रेशन भरने के लिए शिक्षक और शिक्षिकाएं व्यस्त रहे । हाईस्कूल व इण्टरमीडियट बोर्ड परीक्षा का आवेदन फार्म भरने के लिए माथापच्ची शुरु हुई । करीब महीने भर तक बोर्ड परीक्षा के आवेदन फार्म भरे गए । बोर्ड परीक्षा फार्म भराए जाने के बाद स्कूलो मे पढाई का कार्य शुरु हुआ ।
यह व्रहृम करीब दिसम्बर माह तक चला उसके बाद जनवरी माह शुरु होने पर ठण्ड का प्रकोप शुरु हो गया । जिसके कारण कुछ दिन बच्चे स्कूल तो आए किन्तु शिक्षक और शिक्षिकाएं नदारद दिखे । ठण्ड और बढने के कारण स्कूल बंद कर दिए गए । फरवरी माह से बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए एक माह का अवकाश कर दिया जाएगा । कुल मिलाकर तीन से चार माह तक ही स्कूलो मे पढाई का कार्य हुआ । इसमे भी कई दिन क्लास नही चले ।
छात्र व छात्राओं की माने तो स्कूलो मे पढाई नाममात्र के लिए हुई है । उनका कहना है कि जो छात्र व छात्रा कोचिंग नही कर रहे है उनका भविष्य चैपट होने के कगार पर पहुंच गया है । उनको चिंता सता रही है कि कोर्स पूरा नही हुआ है वह किस तैयारी से बोर्ड परीक्षा मे शामिल होगें । उन छात्र व छात्राओं के लिए ज्यादा संकट है जो आर्थिक रुप से कमजोर परिवार के है । हलांकि उनके पास बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए दो महीने का समय है वह कडी मेहनत से पढाई की तैयारी कर सकते है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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