Categorized | लखनऊ.

रंगराजन रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं पर बैठक की

Posted on 09 January 2013 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चै0 अजित सिंह ने रंगराजन कमेंटी की सिफारिशों के अध्ययन के लिए प्रदेश स्तर पर कमेंटी का गठन किया था जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो0 सुधीर पवाॅर, पूर्व विधायक डाॅ हरि सिंह ढिल्लों व प्रदेश प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी राष्ट्रीय लोकदल को नामित किया था। डाॅ सुधीर पवाॅर की अध्यक्षता में लखनऊ विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में बैठक सम्पन्न हुयी।
बैठक में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान, प्रो0 के0के0 त्रिपाठी, मध्य उ0प्र0 के अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह मुन्ना, व युवा राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद ने भाग लिया।
प्रो0 पवाॅर ने रंगराजन रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं पर बैठक मंें खुलकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के लागू करने से प्रदेश के गन्ना किसानों का भारी अहित होगा तथा रंगराजन कमेंटी को कटघरे में खड़ा करते हुये कहा कि चीनी उद्योग में गन्ना किसानों के हित के संरक्षण के लिए वर्तमान में सुधारों की आवश्यकता है। केन्द्र सरकार द्वारा गठित रंगराजन समिति ने सम्यक विचार विमर्श के उपरान्त रिपोर्ट प्रस्तुत की है लेकिन निम्न बिन्दुओं पर रंगराजन कमेंटी ने सम्य्क विचार नहीं किया है जिसका खुलासा अध्ययन कमेंटी की बैठक में किया गया। बैठक में निम्न बिन्दुओं को लेकर रंगराजन कमेंटी की रिपोर्ट के प्रति रोष व्यक्त किया तथा किसानों के लिए रिपोर्ट को अव्यवहारिक माना गया।
1.    गन्ना मूल्य निर्धारण में रंगराजन समिति ने लागत मूल्य को विक्रय मूल्य में परिलिक्षित करने हेतु कोई ठोस सुझाव नहीं दिया जिससे प्रदेश के किसानों का भारी अहित होगा।
2.    रंगराजन कमंेंटी ने गन्ना किसानों को 2 किस्तों में गन्ना मूल्य के भुगतान करने की सिफारिश की है। यह सिफारिश अव्यवहारिक है तथा किसानों के हित में नहीं है जिसका गन्ना किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
3.    प्रदेश में अभी भी किसानों को चीनी मूल्य का लगभग 81 से लेकर 90 प्रतिशत तक गन्ना मूल्य के रूप में भुगतान प्राप्त होता है जबकि रंगराजन कमेंटी ने सिफारिश की है चीनी मूल्य का 75 प्रतिशत तक भुगतान को सीमित कर दिया है जिससे गन्ना किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
4.    किसानों को अपना गन्ना कहीं भी विक्रय करने की सिफारिश रंगराजन कमेंटी ने की है। इस सिफारिश का तब तक कोई अर्थ नहीं है जबतक की महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्यों के समान चीनी मिलें किसानों का गन्ना खेत से ही खरीदें।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश की रंगराजन अध्ययन समिति जल्द से जल्द रंगराजन कमेंटी द्वारा की गयी सिफारिश का विस्तृत अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट को राष्ट्रीय अध्यक्ष चै0 अजित सिंह को सांैपेंगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in