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125 वर्ष पूरे होने पर उत्तरशती रजत जयंती समारोहपूर्वक 6, 7 और 8 जनवरी,2013 को मनायी गयी

Posted on 09 January 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के 125 वर्ष पूरे होने पर उत्तरशती रजत जयंती समारोहपूर्वक 6, 7 और 8 जनवरी,2013 को मनायी गयी। 1857 की जनक्रांति से घबड़ाई ब्रिटिश सरकार ने 1861 में इंडिया काउंसिल ऐक्ट बनाया था जिसमें राज्य लेजिस्लेटिव कौंसिल के गठन का प्रस्ताव पारित हुआ और उसमें सीमित भारतीय प्रतिनिधित्व की बात की गई। वर्ष 1920 तक कौंसिल के सदस्यों की संख्या 123 थी जबकि 1937 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के गठन के बाद सदस्यों की संख्या 228 निर्धारित हुई। स्वतंत्रता पश्चात विधान सभा की वर्तमान सदस्य संख्या 404 है और विधान परिषद की 108। संविधान सभा में विधान सभा ने 16 सदस्य चुनकर भेजे थे।
उत्तर प्रदेश की विधानसभा को यह गौरव है कि आजादी के तुरन्त बाद जमींदारी उन्मूलन जैसा ऐक्ट बना था जिसे भूमि सुधार की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जाएगा। एक समय इस विधान सभा में राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन जैसे विधानसभाध्यक्ष थे जिनका कहना था कि एक भी सदस्य यदि उन पर पक्षपात का आरोप लगा देता है तो वे अपने पद से त्यागपत्र दे देगें। इसी विधान सभा में सर्वश्री गोविन्द वल्लभ पंत, चन्द्रभानु गुप्ता, चैधरी चरण सिंह, बाबू बनारसी दास, एच0एन0 बहुगुणा, नारायण दत्त तिवारी और मुलायम सिंह यादव भी रहे जिन्होने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नजीरें कायम की।
विधानसभा के मंडप में 6 जनवरी,2013 को जन्मशती रजत जयंती समारोह के प्रथम दिवस अपने सम्बोधन में महामहिम राज्यपाल श्री वी0एल0 जोशी ने विधान मण्डल के शानदार अतीत का उल्लेख करते हुए उम्मीद जताई कि दोनों सदनों के सदस्य अपने उच्च आदर्शो से सदैव इसकी गरिमा बनाए रखेगें। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में बैठक में मौजूद रहे। इसमें पहली विधान सभा के सदस्य श्री राजाराम किसान और कमाल अहमद रिजवी को सम्मानित किया गया।
समारोह के दूसरे दिन पूर्व विधायकों के सम्मेलन के मुख्य अतिथि श्री मुलायम सिंह यादव थे। उन्होने सरकार को कई नसीहतें दी। श्री यादव ने कहा कि समाज की सेवा संवेदनशील व्यक्ति ही कर सकता है। अन्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष करनेवाले ही याद किए जाते है। उन्होने यह भी कहा कि वायदा तोड़ना भी भ्रष्टाचार है। इसके अलावा श्री यादव ने सर्दी व भूख से मौतों को शर्मनाक बताते हुए खुशहाली और बराबरी के लिए संघर्ष करने का भी आव्हान किया।
अंतिम दिवस 8 जनवरी,2013 को राष्ट्रपति श्री प्रणव मुकर्जी के आगमन से इस समारोह के गौरव में चार चांद लग गए। उन्होने एक डाक टिकट का भी विमोचन किया। संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खाॅ एवं राजस्व मंत्री अम्बिका चैधरी की पूरे समारोह की सफलता एवं संचालन में सराहनीय भूमिका रही। तीनों दिन सांय सांस्कृतिक संध्याओं में भी विधायकों,पूर्व विधायकों तथा आम जनता की भारी भागीदारी रही। इसमें प्रख्यात कलाकारो ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
तीन दिन के इस समारोह की विशेषता थी कि सभी ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की शालीनता, विपक्ष से संवाद बनाए रखाने की योग्यता तथा उनकी संवेदनशीलता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मुख्यमंत्री जी ने भी पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ाने, परिवारीजनों को भी पेंशन के दायरे में लाने और कूपन की राशि बढ़ाने के भी आश्वासन दिए। इसके लिए आगामी बजट में धनराशि का प्राविधान किया जाएगा। इस सबका श्रेय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को जाता है।
विधान मण्डल के जन्मशती रजत जयंती समारोह में श्री नारायण दत्त तिवारी और श्री मुलायम सिंह यादव सबके आकर्षण के केन्द्र बने रहे। सभी दलों के नेताओं ने श्री मुलायम सिंह यादव की भूरि-भूरि प्रशंसा की कि उन्होने बिना किसी रागद्वेष के राजनीति की है और इसके मानवीय मूल्येां को सुरक्षित रखा है। प्रदेश के लिए समारोह के ये तीन दिन बहुत ही महत्वपूर्ण थे और इसमें मुख्यमंत्री जी ने जो संकेत दिए उससे प्रदेश में विकास की अपार सम्भावनाओं के द्वार खुलने की उम्मीद बंधी है। लोकतंत्र के इस महापर्व में नए-पुराने के मिलन के साथ परस्पर विश्वास और सहयोग का नया वातावरण भी बना है जिसे बनाए रखने और सांप्रदायिक तथा जातिवादी ताकतों की कुदृष्टि से बचाए रखने को तत्कालिक जरूरत है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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