उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने सम्बन्धित जिलाधिकारियों एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि कुम्भ मेला के दौरान गंगा नदी की अविरलता एवं निर्मलता बनाये रखे जायें तथा किसी भी दशा में प्रदूषित पानी नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कानपुर में बंद किए गए 80 टैनरी उद्योगों में से 33 उद्योग पुनः संचालित पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कानपुर के क्षेत्रीय अधिकारी श्री राधेश्याम को अपने दायित्वों का निर्वहन करने में लापरवाही बरतने पर तत्काल निलम्बित कर आज ही स्वच्छ छवि एवं मेहनती अधिकारी को तैनात करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रबन्ध निदेशक, केस्को कानपुर को यह भी निर्देश दिए कि जांच कर दोषी कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही आगामी 15 दिन के अन्दर सुनिश्चित करें कि किस कर्मचारी की साठ-गांठ से उक्त टैनरी उद्योगों में बंदी आदेश के बावजूद भी विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करायी गयी। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि उल्लंघन करने वाले उद्योगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित हो। उन्होंने चिन्हित समस्त प्रदूषणकारी उद्योगों का गठित समिति के माध्यम से प्रत्येक तीन या चार दिन में निरीक्षण कराये जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव आज शास़्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में कुम्भ मेला-2013 के दौरान गंगा नदी की अविरलता एवं निर्मलता बनाये रखने हेतु औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण हेतु आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कानपुर तथा अन्य जनपदों में कुम्भ मेला पर्वाें को दृष्टिगत रखते हुए जिन उद्योगों को स्वेच्छा से बंद होने की सूचना दी गयी है, उनकी बंदी सुनिश्चित करायी जाए तथा चालू पाए जाने पर उनकी बंदी की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव, पर्यावरण को निर्देश दिए कि उत्तराखण्ड से आने वाली कोसी, ढेला नदियों से प्रदूषण के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड वरिष्ठ अधिकारियों से शीघ्र व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर प्रदेश की तरह औद्योगिक प्रदूषण नियंत्रण हेतु कार्यवाही सुनिश्चित कराये जाने के लिए अनुरोध करें। उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि सिंचाई विभाग से सम्बन्धित जनपद से गंगा नदी में पहंुचने वाले समय की लिखित सूचना प्राप्त कर अपने क्षेत्रो के उद्योगों में मुख्य पर्वाें के अनुरूप स्वेच्छिक बंदी की कार्यवाही हर दशा में सुनिश्चित करायें, ताकि किसी भी दशा में प्रदूषित पानी गंगा नदी में पहुंचने न पाए। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करंे कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बंदी कराये गये 08 डिस्टिलरी उद्योगों, 14 पेपर उद्योगों, 148 टैनरी उद्योगों को किसी भी स्थिति में न चलने दिया जाए।
श्री उस्मानी ने प्रबन्ध निदेशक जल निगम को निर्देश दिए कि प्रदेश में स्थित सभी सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट को पूर्ण क्षमता एवं दक्षता पर संचालित कराया जाए तथा प्रगति आख्या तत्काल प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण रोकने हेतु नियमित रूप से समीक्षा सुनिश्चित करायी जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए। सचिव सिंचाई ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा 2516 क्यूसेक पानी नरौरा बैराज से विगत 20 दिसम्बर से प्रतिदिन छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार टेहरी बांध से 09 हजार क्यूसेक पानी भी छोड़ा जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री वी0एन0 गर्ग, प्रमुख सचिव नगर विकास एवं आवास श्री प्रवीर कुमार, सचिव सिंचाई श्री एस0पी0 गोयल, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड श्री जे0एस0 यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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