समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि जनता ने बसपा के कुशासन से त्रस्त होकर उसे सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री इसे पचा नहीं पा रही है। लोकतंत्र में जनादेश सर्वोपरि होता है किन्तु सुश्री मायावती को जनतंत्र, जनादेश और संविधान में कोई आस्था नहीं है। वे सत्ता खोकर बौखला गई है। इसलिए कभी प्रदेश को क्राइम प्रदेश बताती है, कभी लूट की झूठी बयानबाजी करती हैं और अब प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की मांग करने लगी है। अपने पांच साल के कार्यकाल में उन्होने प्रदेश को बदहाली और बदनामी के अलावा कुछ नहीं दिया। अब जब श्री अखिलेश यादव ने प्रदेष को विकास का एजेन्डा दिया है और भ्रष्टाचार पर रोक लगाई है तो उन्हें अपने काले कारनामों की सजा का डर लग रहा है और आगे भी भविष्य में अंधेरा दिख रहा हैं। इससे उनका मानसिक संतुलन ही बिगड़ गया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को सरकारी कार्यक्रम भी समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम दिखाई दे रहा है। प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है और विधान मण्डल के 125वें जयंती समारोह का आयोजन उसके तत्वावधान में हो रहा है। इसमें सभी दलों के पूर्व विधायक आमंत्रित किए गए हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार ने उन लोगों को याद किया जिनको पिछली सरकारो ने भुला दिया था। भाजपा नेतृत्व को तो इसके लिए समाजवादी पार्टी मुख्यमंत्री की सराहना करनी चाहिए था।
भाजपा और बसपा दोनों की एक ही बोली और एक जैसा आचरण है। प्रदेष को विकास के पथ पर ले जाने में इनकी कोई भूमिका नहीं रही है। अब जब श्री अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश यको उत्तम प्रदेश बनाने का संकल्प लेकर चल रहे हैं तो इनको जलन और कंुठा का रोग हो गया है। जनभावनाओं का आदर कर अपने स्वार्थसाधन में ही लिप्त रहनेवालों को प्रदेश में बह रही नई बयार पसंद नहीं आ रही है। जनता ने पहले भी उन्हें उनके लूट, झूठ और भ्रष्टाचार के लिए सजा दी है और फिर सन् 2014 में भी विकास विरोधी, जनतंत्र विरोधी आचरण के लिए सबक सिखाएगी।
बसपा-भाजपा और संघ तीनों धर्म निरपेक्षता, समाजवाद और संविधान विरोधी है। उनका आचरण और एजेन्डा विषमता और सांप्रदायिकता से भरा है। वे रूढि़वादी समाज व्यवस्था के पक्षधर है। सामाजिक चेतना एवं प्रगतिशीलता के विरोधी हंै। समाजवादी पार्टी डा0 लोहिया के नर-नारी समानता के सिद्धान्त पर अमल करती है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने हमेशा संविधान को सर्वोपरि माना है और महिलाओं को उचित सम्मान एवं अवसर दिए जाने की वकालत की है। श्री यादव लगातार लोकतंत्र और जनमत को बचाने में लगे रहे हैं। वे लगातार मानवीय मूल्यों के लिए संघर्षशील रहे है।
श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शो को पुनः स्थापित करने का काम किया है और संविधान की व्यवस्थाओं का सम्मान किया है। विधान मण्डल की उत्तरशती रजत जयंती का आयोजन कर उन्होने लोकशाही को गौरव दिया है। वे इसके लिए प्रशंसा के पात्र है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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