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उन्हें फिक्र है तो बस बुतों की जो उन्होने जगह-जगह चैराहों पर खड़े कर दिए हैं

Posted on 05 January 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में हाड़ कंपानेवाली ठिठुरन ने कई जिंदगियां लील ली है। मंहगाई की मार से जनजीवन त्रस्त है। केन्द्र सरकार की नीतियों से आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। प्रोन्नति में आरक्षण को बसपा के समर्थन से बहुजनों में उबाल है। गैंगरेप के खिलाफ युवाओं में विशेषकर उभार है। लेकिन बसपा के राष्ट्रीय महासचिवों को जनता की तकलीफों से कोई मतलब नहीं है। जिन्दा आदमियों की परेशानियों से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। उन्हें फिक्र है तो बस बुतों की जो उन्होने जगह-जगह चैराहों पर खड़े कर दिए हैं।
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच अंतर बहुत स्पष्ट है। समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का एजेन्डा विकास है। वे प्रदेश को बदहाली से उबारकर इसे उत्तम प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित है। किसान, मजदूर, गरीब, अल्पसंख्यक, महिलाएं और नौजवान उनकी योजनाओं के केन्द्र में है। उन्हें गांव-गरीब से लगाव हैं। वे चाहते है कि किसान सम्पन्न हो, नौजवानों को रोजगार मिले, अल्पसंख्यकों को रोटी-रोजगार मिले और महिलाओं का मान सम्मान और अवसर सुरक्षित रहे।
लेकिन बसपा नेताओं को पत्थर की प्रतिमाओं की सुरक्षा की चिन्ता इसलिए है कि उन्होने काफी मोटी रकम कमीशन में वसूली है। दलित महापुरूषों का सम्मान करने के बजाए उनको भी अवैध वसूली का बहाना बनाया गया। पांच साल तक, जब तक बसपा सरकार रही अनुत्पादक मदों पर ही बजट लुटाया जाता रहा। पार्को, स्मारकों पर जनता की गाढ़ी कमाई फूंकी गई। ऐसा पहली बार हुआ कि किसी मुख्यमंत्री ने जिन्दा रहते अपनी प्रतिमाएं लगवा दी। फिर इन सबकी सुरक्षा के लिए फौज खड़ी कर दी गई।
बसपा नेताओं को अनर्गल बयान देने की आदत सी हो गई है। वे दलित महापुरूषों की प्रतिमाएं तोड़े जाने के निराधार आरोप लगा रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि मुख्यमंत्री जी का इस मामले में कठोर रूख है कि कहीं शांति व्यवस्था के साथ खिलवाड़ न हो। प्रदेश की राजधानी में बसपा नेत्री की मूर्ति टूटी तो तत्काल मुख्यमंत्री जी ने दूसरी मूर्ति लगवा दी। बसपा नेताओं को इसका आभार मानना चाहिए और महामहिम राज्यपाल को दिए ज्ञापन में इसका उल्लेख भी करना चाहिए। उन्हें यह भी राज्यपाल महोदय को बताना चाहिए कि घटना होते ही प्रषासन सक्रिय हो गया था और आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी की गई थी।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को प्रदेश में खाली खजाना, पंगु प्रशासन और बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था बसपा सरकार से विरासत में मिली थी। मुख्यमंत्री जी ने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि अब अपराधियों की जगह जेल में होगी। भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होने दो लाख करोड़ से ज्यादा का बजट विकास कार्यो के लिए समर्पित किया हैं। अनुत्पादक कार्यो और पत्थरों पर खर्च पर उन्होने रोक लगाई है। बसपा नेता इसी से बौखलाएं हुए हैं कि उनका पत्थरों का भ्रष्टाचार बेनकाब हो गया है और अब उनको उसकी सजा भी भुगतनी पड़ेगी। इसलिए वे जीवंत जनता के प्रति पत्थर दिल बने हुए हैं और पत्थरों के बुतों के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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