प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री द्वारा घोषणा करना कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रत्येक परिवार में सरकारी नौकरी दी जायेगी। इस घोषणा के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता के सामने यह साफ करना चाहिए कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं अथवा केवल समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री हैं। क्योंकि संविधान इस बात की इजाजत नहीं देता है कि कोई भी चुनी हुई सरकार सिर्फ अपनी पार्टी के लिए ही होगी और अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगी।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जहां एक तरफ इससे यह साबित होता है कि समाजवादी पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के असंतोष को दबाने हेतु प्रलोभन देरही है वहीं दूसरी तरफ यह भारतीय संविधान की खुली धज्जियां भी उड़ाता है जिसमें कतई इस तरह का कहीं भी प्रावधान नहीं है कि कोई भी सरकार सिर्फ अपने दल और अपने लोगों के हितों की रक्षा करेगी। यह न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ धोखा भी है।
प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री जो कि मुख्यमंत्री जी के परिवार के वरिष्ठ एवं सम्मानित सदस्य भी हैं उनके द्वारा इस तरह की घोषणा करना कोई नई बात नहीं है क्योंकि इसके पूर्व भी कई बार इन्हीं मंत्री द्वारा अनाप-शनाप बयान आते रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जब भी राजनीतिक पार्टियों द्वारा इस संबंध में सरकार से सफाई मांगी गयी है तो पुनः अपने बयान से उक्त मंत्री ने किनारा कर लिया है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि अभी भी उनके घोषणापत्र तथा सरकार द्वारा उसके क्रियान्वयन से जिस तरह प्रदेश के किसान और नौजवान, चाहे वह किसानों की कर्जमाफी हो अथवा लैपटाप दिये जाने की बात हो, ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं ऐसे में मंत्री के ऐसे बयान से लग रहा है कि सरकार और संगठन में कुछ ठीक नहीं चल रहा है और इनके कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष है।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में जहां सरकारी उपक्रम लगातार बंद होते जा रहे हैं। कोई भी उद्योगपति प्रदेश की कानून व्यवस्था, बिजली, पानी आदि की कमी के चलते उद्योग लगाने को तैयार नहीं है, ऐसे में इस सरकार द्वारा लोगों को नौकरी देने के झूठे आश्वासन दिये जाने से यह साबित होता है कि यह सरकार प्रदेश के नौजवान बेरोजगारों के जले पर नमक छिड़कने का कार्य कर रही है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि राज्य सरकार की जनविरोधी निर्णयों से प्रदेश के आम जनमानस में रोष व्याप्त है। यही कारण है कि जगह-जगह पर आम जनता का विरोध झेल रहे सपा कार्यकर्ताओं का भी मोह भंग हो रहा है जिनको सरकारी नौकरी का ‘लालीपाप’ दिखाकर बांधे रखने का असफल प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार यह स्पष्ट करे कि वह कितने बेरोजगारों को रोजगार देने जा रही है? और क्या वह अपने मंत्री के बयान का समर्थन करती है कि प्रदेश सरकार सिर्फ अपनी पार्टी के लोगों को ही रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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