भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की बदतर हालत को लेकर प्रदेश के पुलिसबल की कार्यशौली की साख पर सवालिया निशान लगाया है। भाजपा प्रवक्ता श्री राजेन्द्र तिवारी ने प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश की बदतर होती कानून व्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हालात यह है कि यदि केवल महिला उत्पीड़न व बलात्कार के 1533, छेड़खानी के 1669, शीलभंग की 2983 घटनाएं एक वर्ष में दर्ज हुई है। जिनमें 39 नाबालिग इसकी शिकार हुई है। श्री तिवारी ने कहा कि गम्भीर बात यह है कि उत्तर प्रदेश के पुलिस प्रशासन की कार्यशौली आये दिन विवाद का विषय बन रही है। यह गम्भीर चिंता का विषय है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इंदिरा नगर, तक्रोही निवासी राजमणी के पुत्र पिन्टु नामक नौजवान को अकारण पुलिस पीट कर अधमरा कर देती है। पिन्टु के पिता राजमणी का कहना है कि पुलिस की पीटाई से लड़के की किडनी खराब हो गई है। शामली कोतवाली में सभासद को लड़की की गुमशुदगी की रिर्पाेट दर्ज कराने के मामले को लेकर पुलिस अलाव में ढकेल देती है। मामले से आक्रोशित लोग कोतवाली पर हमला करते है। पुलिस फाॅयरिंग व लाठीचार्ज में 4 लोग घायल होते है। कुशीनगर जनपद की शालिकपुर पुलिस चैकी पर चैकी के पास दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के साथ असंवेदनशीलता बरतने पर नाराज लोग बुधवार को सांय चैकी पर हमला करते है। इसी तरह लखनऊ गोमतीनगर के पत्रकारपुरम चैराहे पर सिपाही और दरोगा से कुछ लोग मारपीट करते है। श्री तिवारी ने कहा कि ये घटनाएं इस बात के स्पष्ट प्रमाण है की पुलिस प्रशासन की कार्यशौली व विश्वसनीयता आम जनता के बीच कहाँ खड़ी है? उन्होंने कहा कि पेशेवर शातिर अपराधियों के अलावा पुलिस बल पर सामान्य व्यक्ति हमला करना तो दूर रहा अपनी बात भी कहने में घबराता है। ऐसे मे आम जनता का पुलिस बल पर आक्रोश की अभिव्यक्ति उ0प्र0 सरकार के मुखिया के लिए गम्भीर चिंता का विषय होना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हालिया घटी घटनाओं में पुलिस बल की संवेदनशीलता, कार्यशौली तथा विश्वसनीयता को लेकर के आम जनता में जिस तरह कि प्रतिक्रिया पैदा हो रही है वह प्रदेश सरकार के मुखिया के लिए गम्भीर चिंता का विषय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आये दिन मीडिया अनेक ऐसी घटनाओं को उजागर करती है जो पुलिस प्रशासन की कार्यशौली व विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते है। प्रदेश में निरंतर अपराधों में बढोत्तरी हो रही है। अनेक मामलों में प्रशासन की संवेदनहीनता से जनआक्रोश सामने आ रहे है। उन्होंने उ0प्र0 सरकार के मुखिया से मांग कि पुलिस की कार्यशौली से उपज रहे जनआक्रोश तथा निरंतर खराब होती कानून व्यवस्था गहन समीक्षा कर पुलिस प्रशासन की जवाबदेही तय करे तथा आम जनता में उपजते भय और आक्रोश को दूर करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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