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बेरोजगार नौजवानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यवहारिक कुटीर उद्योगों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करायेगी

Posted on 04 January 2013 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बेरोजगार नौजवानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यवहारिक कुटीर उद्योगों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करायेगी। साथ ही राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम से अनुसूचित जाति  एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को मिलने वाली ऋण सीमा को वर्तमान बाजार दर से बढ़ाने का भी अनुरोध किया जायेगा।
प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री अवधेश प्रसाद आज यहां राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अधिकारियों के साथ ऋण वितरण के सम्बन्ध में समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के बेरोजगारों को अल्पकालीन योजनाआंे में ऋण दिया जाये तथा ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जाये जिसमें तकनीकी परेशानियां पैदा न होने पाये। उन्होंने राष्ट्रीय निगम के अधिकारियों से कहा कि वर्तमान में प्रचलित छोटे उद्योगो जैसे टेंट का कार्य, शादी विवाह में कैटरिंग, बिजली का कार्य, मोबाइल रिपेयर शाॅप, ट्रैक्टर पार्टस के कार्य, प्लम्बर, भवनों में टाइल्स व पत्थर लगाने का कार्य तथा कम्प्यूटर रिपेयर आदि के कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं में शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार न होने के कारण केन्द्र सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ इन वर्गों के नौजवानों को नहीं मिल पा रहा है।
श्री प्रसाद ने कहा कि ऋण वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाये तथा वास्तविक लोगों को ऋण उपलब्ध हो इसके लिए त्रुटिहीन कार्य योजना बनाई जाये जिससे पात्र लोग ही योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने राष्ट्रीय निगम के अधिकारियों से कहा कि वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए कम्प्यूटर की महत्ता को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक कम्प्यूटर शिक्षा केन्द्र की स्थापना की जाये, जिससे बेरोजगार नौजवान प्रशिक्षित होकर अपना स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि जिन उद्योगों को स्थापित करने के लिए ऋण सीमा काफी पुरानी है और मंहगाई दर को देखते हुए इसे बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मंहगाई दर को ध्यान में रखते हुए ही ऋण सीमा को भी  बढ़ाया जाये।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास  निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री एच.एस.किंगरा ने कहा कि निगम गरीबी की रेखा के दुगने से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उन्हें वित्त पोषित करने, ऋण सुविधा देने के लिए और उनके लिए निधियाँ जुटाने वाली संस्था है। निगम राज्य सरकारों द्वारा नामित चैनलाइजिंग एजेंसियों के माध्यम से लक्ष्य समूहों के लिए आय अर्जक योजनाओं के लिए वित्त पोषित करता है। उन्होंने कहा कि विगत 20 से 25 वर्ष पूर्व राज्य मंे कुछ फर्जी लोगांे के बीच ऋण वितरित किया गया जिनसे ऋण वसूले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने समाज कल्याण मंत्री से कहा कि ऋण वितरण के लिए लाभार्थियों की पूरी जांच के बाद ही ऋण वितरण किया जाये। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि निगम की योजनाओं का लाभ वास्तविक लोगों केा मिले इसके लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास  निगम के महाप्रबन्धक श्री बी.एस.चुम्बर, आॅचलिक प्रबन्धक श्री शिवानंद शर्मा, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति वित्त विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री विमल चंद श्रीवास्तव सहित शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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