उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की शीर्ष समिति की बैठक विगत फरवरी, 2012 में लिए गये निर्णय के क्रियान्वयन की कार्यवाही समय से न पूर्ण किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 15 दिन के अन्दर दोषी सम्बन्धित अधिकारी की जिम्मेदारी नियत कर अवगत कराया जाय तथा बैठक में लिए गये निर्णय की आवश्यक कार्यवाही आगामी मार्च तक अवश्य सुनिश्चित करा ली जाय। उन्होंने कहा कि निर्णय पर की जा रही कार्यवाही की मासिक रिपोर्ट प्रत्येक माह की पहली तारीख को प्रस्तुत की जाय। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों को सार्वजनिक कर समस्त लोगों को अवगत कराया जाय। उन्होंने कहा कि जल निगम द्वारा विगत वर्षों में कराये गये 458 करोड़ रुपये के कार्यों की सूची अपनी विभागीय बेवसाइट पर ही न डाली जाय, बल्कि प्रिन्ट करा कर सम्बन्धित ग्राम प्रधान, मा0 सांसद, विधायक एवं ब्लाक प्रमुख को भी उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि कराये जा रहे कार्यों का लाभार्थीवार एवं प्रोजेक्टवार सत्यापन विभागीय टीम के साथ-साथ थर्ड टीम से भी कराया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की शीर्ष समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पेयजल योजनाओं के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों के सत्यापन हेतु जल निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अवशेष जनपदों की रिपोर्ट जनवरी माह के अन्त तक सत्यापन हेतु अवश्य प्रस्तुत कर दें।
श्री उस्मानी ने बताया कि भारत सरकार एवं विश्व बैंक द्वारा ग्रामीण पेयजल आपूर्ति एवं स्वच्छता के क्षेत्र में पिछड़े हुए चार राज्यों जिसमें उत्तर प्रदेश भी सम्मिलित है को 5 हजार करोड़ रुपये की तकनीकी सहायता उपलब्ध कराये जाने का निर्णय लिया गया है। 6 वर्षों की अवधि में पूर्ण होने वाली उक्त परियोजना हेतु 5 हजार करोड़ रुपये की धनराशि में से 25 सौ करोड़ रुपये की धनराशि भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक से ऋण लेकर उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों को दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि विश्व बैंक द्वारा लिये जा रहे ऋण में उत्तर प्रदेश सरकार की कोई देनदारी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि शेष 25 सौ करोड़ रुपये भारत सरकार द्वारा पूर्व से संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत प्राविधानित केन्द्रांश एवं राज्यांश द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि उक्त परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के 28 जनपदों-इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, बलिया, बलरामपुर, अमेठी, बस्ती, बहराइच, चन्दौली, देवरिया, फैजाबाद, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर, जौनपुर, कौशाम्बी, कुशीनगर, महराजगंज, मऊ, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सन्तकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, सन्त रविदास नगर, सुल्तानुपर तथा वाराणसी में वर्तमान में 57.5 लाख जनसंख्या को एकल ग्राम तथा बहुल ग्राम पाइप पेयजल योजनाओं एवं स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों को क्रियान्वित कराया जायेगा। उक्त परियोजना के अन्तर्गत 2120 ग्राम पंचायतों में कुल 1933 योजनाएं निर्मित की जायेंगी, जिसमें 250 योजनाएं सिंगल हैबिटेशन, 1500 योनजाएं सिंगल विलेज स्कीम, 72 मल्टीविलेज तथा 03 बहुल ग्राम बृहद पेयजल योजनाएं सम्मिलित हैं।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री राजीव कुमार, प्रमुख सचिव पंचायती राज श्री माजिद अली, प्रमुख सचिव नगर विकास एवं आवास श्री प्रवीर कुमार, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव सहकारिता एवं कृषि श्री देवाशीष पाण्डा सचिव वित्त श्री एम0 देवराज सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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