- ठेका बसें एवं अन्य छोटी ठेका गाडि़यों के रंग निर्धारित
- गाड़ी के दोनों ओर ‘ठेका गाड़ी’ शब्द लिखना अनिवार्य
ठेका गाडि़यों के दुरूपयोग को रोकने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उ0प्र0 मोटरयान नियमावली 1998 में संशोधन करते हुए ठेका बसों एवं अन्य छोटी ठेका गाडि़यों (तिपहिया ठेका गाडि़यों के अलावा) के रंग का निर्धारण कर दिया गया है। इन ठेका गाडि़यों को मैरून, काला या लाल रंग के अतिरिक्त किसी भी रंग में रंगा जा सकता है। ठेका गाड़ी की बाडी के बाहरी भाग के मध्य 5 से.मी. की मैरून रंग की चमकदार पट्टी होगी। बसों में 60 से.मी. व्यास और मोटर टैक्सी में 25 से.मी. व्यास के सर्किल के भीतर गाड़ी के दोनो ओर ‘ठेका गाड़ी’ शब्द लिखा जायेगा।
उ0प्र0 परिवहन आयुक्त श्री आलोक कुमार ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि संशोधित नियमावली के अनुसार केवल शहरों के भीतर चलने वाले छोटे ठेका वाहन काले/पीले रंग के होंगे, किन्तु शहर में
सी.एन.जी. से चलने वाले तिपहिया वाहन के रंग का निर्धारण राज्य परिवहन प्राधिकरण या संबंधित सम्भागीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अब ठेका गाडि़यों को दूर से पहचाना जा सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी संबंधित परिवहन अधिकारियों को उपरोक्त संशोधन के अनुसार गाडि़यों को रंगे जाने के कड़े निर्देश दिये गये हैं। उन्हंे यह भी निर्देश दिये गये हैं कि गाडि़यों का फिटनेस प्रमाग पत्र जारी करते समय संशोधित नियमावली का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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