जनपद में महिलाओं का सशक्तीकरण जिला महिला अस्पताल और गांव गांव चल रहे आंगनवाडी केन्द्रों पर देखी जा सकता है ।
गौरतलब हो कि दिल्ली रेप कांड में प्रदेश और केन्द्र सरकार पर जब देश की महिलाओ और छात्राओं का गुस्सा फूटा तो लोकतंत्र की सर्व शक्तिमान केन्द्र सरकार और यहां तक कि केन्द्र की सुपर शक्ति सोनिया गांधी भी राजनैतिक रुप से दुखी दिखी और तो और भारत जैसी शक्तिशाली देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को अपनी पुत्रियों की संख्या और उनकी आंड में प्रदर्शनकारी जनता को हवाला देकर इमोशनल किया जाने लगा अब तत्काल सरकारी फंडा शुरु करते हुए आयोग गठित कर सुझाव मांगे जाने लगे ।
सोचनीय है कि भारत की आजादी को कई दशक बीत गये ये सरकारे खाशकर केन्द्र सरकार ने कभी भी गंभीरता से महिलाओं को उन्नति और सशक्ती करण के बारे मे कभी नही सेचा यहां तक कि खोखली योजनाये बना कर भारतीय पंरपरा की मिशाल भारतीय नारी को खोखला आधुनिकता और सशक्ती करण का दिवा स्वप्न दिखा कर सामाजिकता और परिवार की चैखट लांघकर आर्थिक होड वाले बाजार में कूदा दिया और झूठी शान दिखाने और विदेशी मेहमानो को दिखाने के लिए उन्हे प्र्रतिमाह चन्द मानदेय देने की घोषणा लाल किले की प्राचीर से कर अपनी पीठ ठोक रही मनमोहन की सरकार ने कभी यह सोचा कि इन लाखो आशा बहुओं और आंगन वाडियों को जितना मानदेय मिलता है उतने में उनके बंगले में पले विदेशी नस्ल के कुत्ते का नास्ता का खर्चा भी महीने में नही पूरा होता ।
और इस मंहगाई में इन भारतीय महिलाओं को जिनपर केन्द्र की महिला संचालित और ढोगी सरकार ने सरकारी करण का ठप्पा लगाकर बीते कई दशको से दिवा स्वप्न दिखा रही है क्या यह इस केन्द्र सरकार की न्याय प्रिय नीति है या वाकई इन भारतीय महिलाओं के प्रति झूठी इमदर्दी दिखा सशक्ती करण आर्थिक उन्नति करण का त्रिया चरित्र जनता और विदेश को दिखाना चाहती है ।
आये दिन महिलाओं के प्रति अपराध जब जनता और अपराधी करते है तो सरकार को चिंता होती है और जब सत्त्ता धारी नेता आये दिन हर घण्टे महिलाओ की शारिरिक, आर्थिक, मानसिक शोषण साल दर साल जनता के कथित सेवक करते है तो उनको कौन सजा देगा आज आयोग को समाज के हर स्तर पर महिला शोषण पर सोचना और कानून बनाने की बात करनी होगी तभी दामिनी जैसी अपराध वाकई मे दूर हो सकते है वर्ना भारत की आधी आबादी महिलाएं अब और न छली जायेगी अब ये जग चुकी है और इतिहास गवाह है कि रानी झांसी ने सर्व शाक्तिमान अंग्रेजो को छक्के छुडा दिये थे ये तो भारत के मनमोहन सिंह और अखिलेश यादव है । इन्हे इनके घर से ही चुनौती मिलने लगेगी वह दिन दूर नही है अब चेत जाओ ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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