हरदोई जनपद की चीनी मिल मालिक गन्ने की खरीद में धांधली तो कर ही रहे हैं। बल्कि उनके भुगतान पर भी धोखाधड़ी करने से बाज नहीं आते हैं। किसानों के भुगतान के बोझ से दबी चीनी मिलें अधिक मुनाफा कमाए के चक्कर में किसानों को उपज के मूल्य का भुगतान भी समय से नहीं करते है। जनपद में अलग-अलग स्थानों पर चार चीनी मिलेें निजी कम्पनियों द्वारा बनाई गई है। जिसमें रूपापुर, लोनी, हरियावां तथा बघौली में स्थित एक चीनी मिल है। इन चीनी मिलों पर किसानों का 40 करोड़ रूपये की देनदारी बांकी है। जबकि गन्ना विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि गन्ने का भुगतान गन्ना बेचने के 14 दिनों के अन्दर अवश्य कर दिया जाए। जिसमंे नकद भुगतान के अलावा किसानों के बैंक खातों की सुविधा भी शामिल की गई है। लेकिन 31 दिसम्बर 2012 तक चीनी मिलों पर 17999.75 लाख रूपया का गन्ना खरीदा गया इसके सापेक्ष मिलों को 9373.14 लाख का भुगतान होने चाहिए। लेकिन अभी तक नहीं किया गया। केवल 5305.70 लाख का ही भुगतान हो पाया है। गन्ना विभाग की चुप्पी इस मामले पर अपने आप में सवाल खड़े कर रही है। जिसमें रूपापुर का 1057.51 लाख रूपया लोनी का 1189.97 रूपया हरियांवा मिल पर 1219.66 बघौली 550.30 अनुमानित राशि बताई जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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