हरदोई स्टेशन पर बनारस जाने वाली काशीविश्वनाथ के शयनयान कोच के संख्या एस-7 की बर्थ नम्बर 43-44 पर जौनपुर जिले की बादशाहपुर निवासी नीलेश अपनी पत्नी हीरा के साथ हिसार से जौनपुर जा रहे थे। हीरावती के गर्भ मंे बच्चा होने के कारण वह ट्रेन पर सफर कर रही थी। जनपद शाजहांपुर से स्टाफ लेकर चली गाड़ी में हीरावती को प्रसव पीड़ा प्रारम्भ हो गई। रास्ते में पड़ने वाले स्टेशन शाहाबाद मंें उनकी हालत खराब होने पर कोच में साथ चल रही महिलाओं ने स्थित संभाली। ट्रेन में मौजूद कोच टीटी तथा आरपीएफ सुरक्षा बल को अवगत कराकर तथा मुरादाबाद कंट्रोल रूम को सूचना भेजी गई। कंट्रोल रूम से हरदोई स्टेशन अधीक्षक को जरूरी व्यवस्था के साथ आरपीएफ एवं जीआरपी को भी तत्काल व्यवस्था का निर्देश मिला। गाड़ी को सुरक्षित चार नम्बर प्लेटफार्म पर लगाया गया। तभी रेलवे चिकित्सा अधीक्षक आरके गुप्ता महिला चिकित्सालय से लेड़ी डाक्टरों का दल जांच हेतु प्लेटफार्म पर पहुंचा। उन लोगों ने महिला को अस्पताल चलने की सलाह दी गई। परन्तु कोच में उपस्थित महिलाओं ने शौचालय में गाड़ी के अन्दर ही सुरक्षित प्रसव करवा लिया था और परिजनोे ने लखनऊ जाने की इच्छा जताई। जब जांच पड़ताल प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें लखनऊ जाने दिया गया। डाक्टरों की टीम ने स्टेशन आफीसरों ने शुभकामना देकर परिवार को विदा किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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