Categorized | लखनऊ.

प्रदेश के नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को विरासत में भ्रष्ट प्रशासनतंत्र, पंगु कानून व्यवस्था और राजनीतिक छलावे के अलावा कुछ और नहीं मिला

Posted on 31 December 2012 by admin

वर्ष 2012 का आगमन परिवर्तन की आंधी के साथ हुआ। साल की शुरूआत के फरवरी-मार्च महीने में उत्तर प्रदेश के विधान सभा के चुनावों ने एक नई इबारत लिखी। बसपा के पांच वर्ष के कुशासन का अंत हुआ। समाजवादी पार्टी को जनता ने बहुमत से सत्ता में प्रतिष्ठित किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने जनता से बहुमत की सरकार बनाने का अनुरोध किया था, उसका मान रहा। प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने बीच से एक ऊर्जावान नौजवान समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। 15 मार्च,2012 को उन्होने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
बसपा सरकार के पिछले पांच सालों में लूट और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहा। महिलाओं और बच्चियों तक से बलात्कार होता रहा। थाने में भी किशोरियां सुरक्षित नही रही। बसपा के मंत्रियों, विधायकों ने वसूली में हत्याएं की, अपहरण और लूट की उन्हें छूट रही। खुद बसपा मुख्यमंत्री ने माना था कि उनके पार्टी में 500 अपराधी है लेकिन वायदे के बावजूद न तो उनकी सूची प्रकाशित हुई और नहीं किसी अपराधी को निकाला गया। बसपाराज में हर विभाग में कमीशन वसूली का खेल चला। घोटाले पर घोटाले होते रहे। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 5700 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ जिसकी जांच सीबीआई कर रही हैं। इसमें दो सीएमओ, एक डिप्टी सीएमओ की हत्या हो गई। जांच की आंच में दर्जनों डाक्टरों के अलावा कई मंत्री और आईएएस अफसर तक फंसे है। सहकारिता में लैकफेड घोटाला, बीज निगम में 50 करोड़ का घोटाला तथा पार्को, स्मारकों सहित मूर्तियों के घोटाले में जनता की गाढ़ी कमाई लुटाई जाती रही।
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को विरासत में भ्रष्ट प्रशासनतंत्र, पंगु कानून व्यवस्था और राजनीतिक छलावे के अलावा कुछ और नहीं मिला। खजाना खाली था। मुख्यमंत्री के कर्मठ नेतृत्व ने प्रदेश में वर्षो से व्याप्त जड़ता को तोड़ा। लोकतांत्रिक वातावरण की एक नई जमीन तैयार की। बसपा मुख्यमंत्री के राज में दहशत थी। समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री ने पहले ही दिन कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास के पास लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए। उन्होने जनता के लिए अपने द्वार खोल दिए। बसपा राज में अनुत्पादक मदों पर खजाना लुटाया गया था, श्री अखिलेश यादव ने विकास का एजेन्डा स्थापित किया।
युवा मुख्यमंत्री ने छात्रसंघ बहाली, बेरोजगारी भत्ता देने, मुफ्त इलाज और मरीजों के लिए एम्बुलेंस सेवा 108 और महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन 1090 सेवा की शुरूआत की। पत्थरों और प्रतिमाओं पर सरकारी खजाना लुटाने के बजाए जनहितकारी योजनाएं शुरू की। महत्वाकांक्षी भूमि सेना के लिए पहले साल 2012-2013 में 47Û38 लाख रूपए खर्च करने का प्राविधान किया गया। किसानों का 50 हजार  रूपए तक का सहकारी कर्ज माफ किया गया, आपदाग्रस्त किसान परिवार को आर्थिक मदद, फसल बीमा, वृद्ध सीमांत कृषक को पेंशन, सिंचाई की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराई गई। नई कृषि, औद्योगिक तथा भंडारण नीति बनी है। किसानों को खाद,बीज समय से मिले इसकी व्यवस्था की गई। गन्ना, आलू, धान तथा गेहूॅ किसानों के हितों को ध्यान में रखा गया। लड़कियों की आगे की पढ़ाई तथा उनके शादी ब्याह में मदद के लिए कन्या विद्याधन, पढ़े बेटियां, बढ़े बेटियां, हमारी बेटी उसका कल जैसी योजनाओं में धन दिया गया। छात्र-छात्राओं को लैपटाप टेबलेट बाॅटने की व्यवस्था की गईं। पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान निर्माणाधीन 114 ओवरब्रिज का काम अधूरा रह गया था उसे बसपा सरकार में पूरा नहीं किया। समाजवादी पार्टी की सरकार पुनः बनने पर फिर काम में तेजी आ गई। मुस्लिमो को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए नौकरियों में भर्ती, सभी कमेटियों, आयेागों, बोर्डो में प्रतिनिधित्व के साथ कब्रिस्तानों की चहारदीवारी बनाने और मदरसों को मदद का भी काम शुरू हुआ। निर्दोष मुस्लिमो की गिरफ्तारी से रिहाई के लिए भी यह सरकार प्रयत्नशील है। लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन दी गई। प्रदेश में ई-गवर्नेस को महत्व दिया गया।
समाजवादी पार्टी की सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था के नियंत्रण की थी। मुख्यमंत्री जी ने इसमें तनिक भी कोताही नहीं बरते जाने के स्पष्ट निर्देश दिए। बड़े अधिकारियों को भी तत्काल घटना स्थल पर पहुॅचने और जनता से संवाद रखने को कहा। जो लापरवाह अधिकारी दिखे उन्हें तत्काल हटाया गया। यहां तक कि प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) को भी हटा दिया गया।
समाजवादी पार्टी ने महिला आरक्षण, प्रोन्नति में आरक्षण तथा प्रत्यक्ष पूंजीनिवेश के मुद्दों पर स्पष्ट रवैया अपनाते हुए इनका तार्किक विरोध किया। श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद में और बाहर इन मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखी। महिला आरक्षण में पिछडे़ और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिए जाने की उनकी मांग में दम है क्योंकि वर्तमान स्थिति में तो गांव-गरीब की महिलाओं को कहीं आगे बढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। विदेशी प्रत्यक्ष पंूजीनिवेश (एफडीआई) दूसरी गुलामी को दस्तक है। इससे घरेलू अर्थव्यवस्था चैपट होगी। किसान और छोटे व्यापारी लुट जाएगें। प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था से सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न होगा और परस्पर वैमनस्यता फैलेगी। सीनियर जूनियर हो जाएगें और जूनियर सीनियर। कार्य संस्कृति और प्रशासनतंत्र पर इसका गहरा असर होगा। पूरी प्रशासनिक व्यवस्था पंगु हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी वर्गो के विकास की दृष्टि से योजनाएं बनाई है। किसानों, नौजवानों, महिलाओं, व्यापारियों, वकीलों, अल्पसंख्यको सभी के हितों का उन्होने ख्याल रखा है। गांवो की खुशहाली को प्राथमिकता दी है। अफसरों को जनहित के कामों को वरीयता से करने के निर्देश दिए है। उन्होने पांच वर्षो के लिए किए गए चुनावी वायदों को काफी हदतक 9 महीनों में ही पूरा कर दिया है।
सबसे बड़ी बात यह कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने वह कर दिखाया जो सुश्री मायावती अपने पांच साल के कार्यकाल में भी नहीं कर पाई थी। उन्होने 2007 में सत्ता सम्हालते ही केन्द्र सरकार से 80 हजार करोड़ का पैकेज मांगा था। वे प्रधानमंत्री को चिट्ठियां लिखती रही, रैलियां भी की लेकिन कुछ नहीं हासिल कर पाई। श्री अखिलेश यादव ने 9 महीने के अंदर ही केन्द्र सरकार से 45 हजार करोड़ की आर्थिक मदद तो ली ही कुंभ के लिए 800 करोड रूपए का विशेेष आर्थिक पैकेज भी वे ले सकने में सफल हुए है।
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के कार्यो से यह उम्मीद बंधी है कि राज्य फिर अपना पुराना गौरव और समृद्धि हासिल करने में सफल होगा। प्रदेश को पिछड़ेपन से मुक्त रखने के लिए वे संकल्पबद्ध है। यह एक आगाज है जो बहुत जल्द अपने लक्ष्य को प्राप्त करता दिखाई देगा। 2012 में राज्य में विजय के पश्चात श्री मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2013-14 के लिए दिल्ली जीतो का लक्ष्य दिया हैं। समाजवादी पार्टी इसे पाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in