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वर्ष 2012- उत्तर प्रदेश में नई सरकार का गठन (Year Ender 2012)

Posted on 31 December 2012 by admin

महिलाओं की सहायता हेतु प्रदेश में पहली बार शुरु हुई 1090 महिला हेल्पलाइन

वर्ष 2012 उत्तर प्रदेश के लिए व्यवस्था परिवर्तन का साल रहा जब 15 मार्च, 2012 को प्रदेश की नई सरकार ने मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में कार्य शुरु किया। अपराध नियंत्रण के लिए पहली बार तकनीकी का बड़े पैमाने पर प्रयोग शुरु किया गया है। वीडियो कांफ्रेसिंग का उपयोग कर जिले के अधिकारियों से निरन्तर सम्पर्क रखकर उनका मार्गदर्शन किया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि गुण्डे जिले के बाहर हो तथा अपराधी जेल के भीतर। पुलिसबल का मनोबल ऊॅचा रखने के लिए जहाॅ हर सम्भव प्रयास हो रहे है, वहीं जनता से बदसलूकी एवं गैर कानूनी कामों में लिप्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही भी शुरु की गयी है।
छात्राओं, कामकाजी लड़कियों और महिलाओं को आये दिन आने वाले अश्लील एसएमएस, एमएमएस और फेक काल्स से हो रहे एक नये तरह से मानसिक उत्पीड़न से राहत दिलाने हेतु प्रदेश में पहली बार वूमेन पावर लाइन 1090 की ऐतिहासिक शुरुआत की गयी। वीमेन पावर लाइन पर अब तक मिली 61 हजार से अधिक शिकायतों में से 14 हजार से अधिक मामले छेड़छाड़ व आपत्तिजनक संवादों से संबंधित रहे, जिसमें से 10 हजार से अधिक शिकायतों को पंजीकृत किया गया, तथा 8 हजार से अधिक शिकायतों का शिकायतकर्ता की अपेक्षाओं के अनुरुप पूर्णतयाः समाधान कर लिया गया है। सरकार के इस कदम से महिलाओं में एक नये आत्मविश्वास का संचार हुआ है। चारो ओर इसकी केवल सराहना ही नही रही है अपितु कई राज्य इस सफल माॅडल को अपनाने के लिए इस सेवा से जुड़े अधिकारियो के संपर्क मे भी है।
महिला उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के प्रति प्रदेश सरकार विशेष रुप से संवेदनशील है तथा ऐसे मामलों में तत्परता से कार्यवाही हो रही है। यहां तक कि नाबालिग लड़कियों से बलात्कार जैसे अपराधों को अति संवेदनशील मानते हुए ऐसे प्रकरणों में रासुका जैसी सख्त कार्यवाही भी की गयी है। मुरादाबाद, सहारनपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, प्रतापगढ़ एवं फर्रुखाबाद में ऐसे 8 प्रकरणों में रासुका के अन्तर्गत भी कार्यवाही की गयी है, जिनमें से एक प्रकरण कों माननीय उच्च न्यायालय के एडवाइजरी बोर्ड द्वारा अब तक कन्फर्म भी किया जा चुका है। ऐसे प्रकरणांे में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए प्रभावी अभियोजन की कार्यवाही भी की गई है। बरेली जिले के थाना भूता क्षेत्र में 10 वर्ष की एक बालिका के साथ हुयी बलात्कार व हत्या की घटना में प्रभावी पैरवी कर अभियुक्त को फाॅसी की सजा दिलाने में भी सफलता मिली है। गैंग रेप के मुकदमों की सरकार द्वारा मानीटरिंग शुरु की गयी है तथा प्रदेश भर में ऐसे केसों की सूची तैयार करायी जा रही है। ऐसे मुकदमों का ट्रायल प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने की रणनीति पर अमल शुरु कर दिया गया है।
प्रदेश की अपराध स्थिति को नियंत्रण करने एवं कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु प्रदेश में पुलिस महानिरीक्षक जोन की पुरानी व्यवस्था पुनः लागू करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से जोन में जोनल आई0जी0, परिक्षेत्र में रेंज डीआईजी तथा जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक के पदों की पुरानी व्यवस्था को बहाल किया गया।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए सकारात्मक वातावरण सुनिश्चित करने हेतु गुण्डा टैक्स, रंगदारी या उद्योगों एवं व्यापारी क्षेत्रों में अवैध वसूली की शिकायतें प्रकाश में आने पर संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट व जिला पुलिस प्रभारी को उत्तरदायी बनाया गया है। जनसमस्याओं व शिकायतों का स्थानीय स्तर पर ही निस्तारण किये जाने हेतु सभी विभागों में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने कार्यालय पर मंगलवार तथा रविवार को छोड़कर शेष कार्यदिवसों में पूर्वान्ह 10 से 12 बजे तक अनिवार्य रुप से उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं व शिकायतों को सुनकर उनका निस्तारण करनें के निर्देश दिये गये है।
गृह एवं पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण की दिशा में कई कदम उठाये गये है। गृह विभाग के नियंत्रण कक्ष को और अधिक प्रभावी एवं चुस्त-दुरुस्त बनाये जाने हेतु उसका आधुनिकीकरण किया गया है। कारागारों एवं न्यायालयों के मध्य में वीडियो कांफ्रेसिंग की व्यवस्था, आपदा प्रबन्ध हेतु अग्निशमन सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में भी नई पहल की गयी है। पुलिस की कार्यपद्धति में सुधार के दिशा में भी कदम उठाये गये है। भीड़ नियंत्रण के लिए गैर घातक हथियारों (नाॅन लीथल वीपेन्स) की व्यवस्था किये जाने पर विशेष बल दिया गया है।
वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदेश की आम जनता को एक सुरक्षित परिवेश प्रदान करना, साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखना, संगठित एवं पेशेवर अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कर अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण रखना है जिससे प्रदेश में विकास का बेहतर माहौल तैयार हो। सबके प्रति न्याय करने तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण भी वर्तमान सरकार की प्रतिबद्धता है।
वर्तमान सरकार की अपराध नियंत्रण की नीति घटित घटनाओं का सही पंजीकरण, पंजीकृत अपराधों की समयबद्ध गुणात्मक विवेचना तथा न्यायालयों में वादों की प्रभावी पैरवी किया जाना है। प्रमुख सचिव गृह एवं पुलिस महानिदेशक द्वारा मण्डलीय समीक्षा के दौरान अपराध एवं कानून व्यवस्था के अलावा इसकी भी विशेष रूप से समीक्षा की जा  रही है। अपर महानिदेशक कारागार, अपर महानिदेशक अभिसूचना तथा अपर महानिदेशक अभियोजन भी बैठको में अपने विभागीय कार्यो की समीक्षा करते है।
पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त व प्रभावी बनाये जाने हेतु प्रयास शुरू किये गये है। पुलिसकर्मियों की अपने निवास स्थान से दूर तैनाती के कारण उनके जीवन में आ रही व्यावहारिक कठिनाईयों को मानवीय दृष्टिकोण से परखते हुए प्रदेश सरकार ने नई पहल करते हुए निर्णय लिया कि आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी का स्थानान्तरण उनके गृह जनपद के पड़ोसी जिलों में किये जाने पर लगी पाबंदी नही रहेगी। इस निर्णय को लाखों पुलिसकर्मियों के बीच अल्प समय में लागू करना एक अत्यत कठिन व चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसके लिए पहली बार पुलिस विभाग में तकनीकी का प्रयोग करते हुए कम्प्यूटर आधारित स्थानान्तरण माड्यूल साफ्टवेयर CBTM का सहारा लिया गया। इसके फलस्वरुप विभिन्न जोन व रेंज को छोडकर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय द्वारा प्रदेश पुलिस के इतिहास में पहली बार एक साथ 3 चरणों में कुल साढ़े 33 हजार से अधिक पुलिस कर्मियो को उनके गृह जनपद के आस-पास तैनाती कर प्रदेश सरकार ने पुलिसकर्मियों को बडे पैमाने पर राहत देकर नई कार्यसंस्कृति विकसित करने की अभिनव पहल की है। बड़े पैमाने पर एक साथ किये गये तबादलो की विशेषता यह रही कि किसी भी पुलिस कर्मी को न तो पुलिस महानिदेशक कार्यालय के चक्कर लगाने पड़े और न ही किसी को सिफारिश के लिए इधर-उधर भागना पड़ा।
पुलिस विभाग में लम्बे समय से रुकी हुई पदोन्नतियों की प्रक्रिया को सभी स्तर पर बृहद रुप से शुरु किया गया। प्रान्तीय पुलिस सेवा सवर्ग में कार्यरत 61 अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति की कार्यवाही संघ लोक सेवा आयोग में विभागीय चयन समिति की बैठक कराकर सम्पन्न की गयी। इससे लम्बे समय से प्रोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे 61 पी0पी0एस अधिकारी आई0पी0एस0 बन गये।
प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग में कार्यरत अधिकारियों की कोटिक्रम सूची को अद्यावधिक एवं संशोधित किया गया है। साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस उपाधीक्षक के विभिन्न श्रेणियों में कार्यरत अधिकारियों को प्रोन्नति वेतनमान मंजूर किया गया है।
प्रान्तीय पुलिस सेवा संवर्ग के 18 अधिकारियों को अपर पुलिस अधीक्षक विभिन्न वेतनमानों में, 6 पुलिस उपाधीक्षक से अपर पुलिस अधीक्षक, 6 पुलिस उपाधीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक ज्येष्ठ वेतनमान, 122 निरीक्षक/प्रतिसार निरीक्षक/दल नायक पद से पुलिस उपाधीक्षक पद पर प्रोन्नतियां प्रदान की गयी है।
प्रदेश के पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा विभिन्न पदों पर 3741 अराजपत्रित पुलिस कर्मियो को विभागीय प्रोन्नति प्रदान की गई। इसके अन्र्तगत 3240 मुख्य आरक्षियों एवं आरक्षियो को विभागीय परीक्षा के माध्यम से उपनिरीक्षक ना0पु0 रैकर पद पर प्रोन्नति प्रदान कर प्रशिक्षण पर भेजा गया है। इसके अलावा ज्येष्ठता के आधार पर 49 लीडिंग फायरमैन/फायर सर्विस चालकों को अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पद पर, 11 कर्मियों को अग्निशमन अधिकारी के पद पर, 207 कर्मियों को लीडिंग फायरमैन के पद पर, 234 आरक्षी सशस्त्र पुलिस को मुख्य आरक्षी के पद पर प्रोन्नतियां प्रदान की गयी है।
उपनिरीक्षक से निरीक्षक के पद पर 50 प्रतिशत चयन वरिष्ठता व 50 प्रतिशत परीक्षा के आधार पर किये जाने हेतु उ0प्र0 उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक सेवा नियमावली 2008 में आवश्यक संशोधन हेतु शासन द्वारा विचार किया जा रहा है। मुख्य आरक्षी तथा उपनिरीक्षक पद के लिए विभागीय परीक्षा के अन्तर्गत 10 किमी0 की अर्हता को कम किये जाने के संबंध में आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी नियमावली 2008 में संशोधन विचाराधीन है।
अग्निशमन विभाग में उपनिदेशक तकनीकी के 3 रिक्त पदों पर पदोन्नतियां प्रदान की जा चुकी है। प्रोन्नति सवंर्ग के 9 रिक्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी के पदों पर लोक सेवा आयोग के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है।
ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी से संयुक्त निदेशक अभियोजन के 25 पदों, अभियोजन अधिकारी से ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी के 140 रिक्त पदों तथा अभियोजन अधिकारी के 378 पदों पर कुल 543 राजपत्रित अधिकारियों को पदोन्नतियां प्रदान की गयी। सहायक अभियोजन अधिकारी एवं अभियोजन अधिकारी के पद पर 441 अभियोजकों को ए.सी.पी. का लाभ अनुमन्य कराया गया तथा 805 राजपत्रित अधिकारियों की अन्तिम ज्येष्ठता निर्धारित की गयी।
शासन द्वारा पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की विशेष जोखिम भरे कार्य के दौरान अदम्य साहस एवं वीरता प्रदर्शित करते समय मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि में संशोधन किया गया है।
पुलिस बल को और सुदृढ़ तथा गतिशील बनाने के उद्देश्य से आय-व्ययक में गत वर्ष के बजट प्राविधान रू0 8205.00 करोड़ से बढ़ाकर वर्तमान वित्तीय वर्ष में रूपये 10378.00 करोड़ किया गया हैै। पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत पी0ए0सी0 के लिए 6457 बुलेट पू्रफ जैकेट 1925 बुलेट प्रूफ पटका तथा 150 वीडियो कैमरा क्रय किये गये है। कुम्भ मेला हेतु पी0ए0सी0 के लिए 58 टेंट भी क्रय किये गये है। अच्छे गोताखोरों की कुम्भ मेले के दौरान उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पी0ए0सी0 के इतिहास में पहली बार 10 तैराकों को गोताखोरी का विशेष प्रशिक्षण ‘‘डीप वाटर डाइविंग’’ Sea explorer institute Kolkata से कराया गया है। इसके अलावा 20 अन्य तैराकों को भी प्रशिक्षित कराने के निर्देश दिये है।
नगर निकाय चुनाव 2012 चुस्त-दुरूस्त पुलिस व्यवस्था के फलस्वरूप सकुशल, शान्तिपूर्वक, निष्पक्ष व हिंसा रहित सम्पन्न हुए। नगर निकाय चुनाव में विगत चुनाव की अपेक्षा बहुत ही कम मतदान केन्द्रों पर पुर्नमतदान हुआ। अक्टूबर मास में जनपद गौतमबुद्वनगर में आयोजित इण्डियन ग्राण्ड प्रिंक्स फार्मूला-वन-रेस सुदृढ़ पुलिस व्यवस्था के कारण सकुशल सम्पन्न हुए। साथ ही सभी प्रमुख मेले, उत्सव एवं त्योहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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