मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के दिशा-निर्देशन में उत्तर प्रदेश को उद्योग प्रदेश बनाने के लिये गहन प्रयास किये जा रहे हैं। इस हेतु नयी ‘‘अवस्थापना एवं औद्योगिक नीति-2012’’ तैयार कर तीव्र गति से उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
नयी नीति में 11.2 प्रतिशत औद्योगिक विकास दर का वार्षिक लक्ष्य रखा गया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये वित्तीय उपादान एवं छूट के साथ-साथ औद्योगिक वातावरण में सुधार, अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा दक्षता एवं क्षमता विकास के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
औद्योगिक वातावरण में सुधार के अंतर्गत श्रम, ऊर्जा, पर्यावरण, वाणिज्य मण्डी आदि विभागों के नियम एवं प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। इसके साथ ही ई-गवर्नेंस, उद्योग बन्धु, निवेशक सहायता व्यवस्था तथा पुलिस सुरक्षा के सुदृढ़ीकरण द्वारा भी औद्योगिक वातावरण में वृह्द सुधार लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
प्रदेश में तीव्र औद्योगिक विकास को बल देने के लिये पूरे प्रदेश में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं जैसे उत्कृष्ट श्रेणी के सड़क सुविधाओं का निर्माण व राज्य मार्गों का सुदृढ़ीकरण, निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा सामाजिक सुविधाओं के विकास पर बल दिया गया है। इसके अतिरिक्त अवस्थापना विकास में सड़क, रेल व पर्यावरण के सुदृढ़ीकरण, गैस पाइप लाइन का विस्तारीकरण, नेशनल इन्वेस्टमेण्ट एण्ड मैन्यूफैक्चरिंग जोन क्लस्टर विकास, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों/निगमों द्वारा लैण्ड बैंक के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार औद्योगिक विकास के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के उद्देश्य से पूर्वांचल, बुंदेलखण्ड तथा मध्यांचल क्षेत्र में विशेष सुविधाएं प्रदान की गयी हैं। इसमें लखनऊ, कानपुर व आस-पास के क्षेत्र सम्मिलित हैं। इसके अंतर्गत इन क्षेत्रों में स्थापित होने वाली औद्योगिक इकाइयों को स्टाम्प शुल्क में शत-प्रतिशत की छूट, निजी क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे औद्योगिक क्षेत्रों को भी 25 प्रतिशत की स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ती उपलब्ध करायी जायेगी।
यह नीति औद्योगिकीकरण से जुड़े सभी विभागों के लिये एक मार्गदर्शी नीति है जिसका लाभ सभी विभागों जैसे खाद्य प्रसंस्करण, सूचना प्रौद्योगिकी, चीनी, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग आदि को प्राप्त होगा।
इस विकासोन्मुख नीति में जहां एक ओर पूर्व में संचालित निवेश प्रोत्साहन योजना को अधिक सुविधाजनक बनाया गया है, वहीं कुछ नयी योजनाएं प्रारम्भ की गयी हैं। औद्योगिक विकास हेतु नयी पूंजीगत ब्याज उत्पादन योजना प्रारम्भ की गयी है इसके अतिरिक्त अवस्थापना ब्याज उत्पादन योजना, औद्योगिक गुणवत्ता विकास उपादान योजना, ई0पी0एफ0 प्रतिपूर्ती योजना लागू की गयी है।
सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में उद्योग विकास को बढ़ावा दे कर रोजगार सृजित कर जनसामान्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है एवं इस दिशा में एक नयी सोंच के साथ गहन प्रयास किया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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