चालू वर्ष में धनराशि लैप्स होने पर उत्तरदायित्व निर्धारित होगा -सिंचाई मंत्री
प्रदेश के सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने विभागीय अभियंताओं की लापरवाही के कारण नहरों की कटिंग होने तथा इससे किसानों की फसलों के बर्बाद होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नहरों के कटने में दोषी अभियंताओं की जिम्मेदारी निर्धारित की जाये, जिससे उनके निलम्बन आदि की कार्यवाही की जा सके।
श्री यादव आज यहां नहरों की अनावश्यक कटिंग से किसानों की फसलों के नुकसान की सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक नहरों की कटिंग शारदा एवं शारदा सहायक संगठनों की नहरों में हो रही है। यह विभागीय अभियंताआंे की लापरवाही के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा नहरों की कटिंग के बाद मौके पर सिंचाई विभाग का कोई भी अभियंता नहीं पहुंचता है। सम्बन्धित मुख्य अभियंता तथा अधीक्षण अभियंता नहरों की कटिंग का कोई संज्ञान नहीं लेते हैं। यह स्थिति संतोषजनक नहीं है।
श्री यादव ने कहा कि खराब राजकीय टयूवेलों की मरम्मत की प्रगति बहुत ही खराब है, लगभग 20 प्रतिशत राजकीय ट्यूवेल विभागीय अभियंताओं की लापरवाही के कारण खराब हैं। सिंचाई यांत्रिक विभाग के अभियंता खराब ट्यूवेलों को ठीक कराने में कोई रुचि नहीं लेते। प्रमुख अभियंता सिंचाई (यांत्रिक) का दायित्व होता है कि वह खराब ट्यूवेलों के मरम्मत की नियमित समीक्षा करें तथा उनका स्थलीय निरीक्षण करके ठीक करायंे लेकिन उनके द्वारा खराब ट्यूवेलों की मरम्मत के प्रकरणों का कोई संज्ञान नहीं लिया जाता है। इसीकारण से ट्यूवेलों से सिंचाई का प्रतिशत अपेक्षाकृत पिछली सरकार में कम था।
श्री यादव ने कहा कि सिंचाई विभाग के चालू वर्ष के बजट में बढ़ोत्तरी की गयी, लेकिन अभी तक की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति अपेक्षाकृत संतोषजनक नहीं है। प्रमुख अभियंता सिंचाई के स्तर पर डी0सी0एल0 एवं सी0सी0एल0 जारी करने की प्रगति बहुत ही धीमी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि 31 मार्च, 2013 तक स्वीकृति धनराशि व्यय हो जाना चाहिए। अन्यथा धनराशि लैप्स होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
श्री यादव ने कहा कि कई जनपदांे में नहरों की सफाई की शिकायतें मिली हैं। ऐसी अनियमितताओं की उच्च स्तरीय जांच कराके कार्यवाही की जाये। उन्हांेने कहा कि विभागीय अभियंता अपनी पुरानी मानसिकता में बदलाव नहीं ला रहे हैं। इसलिए सिंचाई विभाग के कार्यों में तेजी नहीं आ रही है। वेतवा परियोजना तथा मुख्य अभियंता झांसी संगठनों में प्रगति खराब है तथा गुणवत्ता में कमी की शिकायत मिली है। उन्हांेने सिंचाई विभाग के तीनों प्रमुख अभियंताओं तथा सभी संगठनों के मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण करंे तथा किसानों को सिंचाई कार्यों हेतु समुचित पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
श्री यादव ने कहा कि 2500 करोड़ रुपये की विश्व बैंक पोषित सिंचाई परियोजना प्रदेश के एटा, इटावा, मैनपुरी, फतेहपुर कानपुर नगर/देहात, फिरोजाबाद, औरैया तथा कन्नौज सहित 16 जनपदों में लागू किया जाना है। इसकी अभी तक की प्रगति अपेक्षाकृत संतोषजनक नहीं है। मुख्य अभियंता तथा अध्यक्ष पैक्ट को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, जिससे परियोजना वर्ष 2013 में प्रारम्भ हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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