समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी संशोधन विधेयक को जबरन थोपने की कोशिश से कांग्रेस की अधिनायकशाही मनोवृत्ति की झलक मिलती है। उसका यही चरित्र आपातकाल में भी दिखाई दिया था। तब भी जनाकांक्षाओं का तिरस्कार करते हुए कांग्रेस सत्ता ने मनमानी चलाने की साजिश की थी अभी भी उसका वही आचरण संसद में दिखायी देता है। लोकसभा में विरोध के स्वाभाविक अधिकार को कुचलने में कांग्रेस सांसदों ने जो बर्ताव किया है वह पूर्णतया असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक और निदंनीय है।
समाजवादियों ने हमेशा लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया है। प्रोन्नति में आरक्षण संबंधी 117वां संविधान संशोधन विधेयक लाकर कांग्रेस प्रशासनतंत्र और न्यायतंत्र दोनों को पंगु बनाने की जो साजिश कर रही है, श्री मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी उसका जनहित में विरोध कर रही है। श्री यादव ने जोखिम उठाकर भी जिस साहस का परिचय दिया है वह अभिनंदनीय है। उन्होने साबित कर दिया है कि वे एक दूरदर्शी नेता और राष्ट्रीय हितों के संरक्षक राजनेता हैं।
वस्तुतः प्रोन्नति में आरक्षण का मुद्दा उठाकर कांग्रेस ने दलितों के प्रति कोई हमदर्दी नहीं जताई है बल्कि उसके भ्रष्टाचार पर जो देशव्यापी आक्रोश था उससे ध्यान हटाने का काम किया है। मंहगाई ने देशवासियों की कमरतोड़ रखी है। सीमाओं पर खतरा बढ़ रहा है। केन्द्र सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। देश में चारों ओर अशांति है। जनता कांग्रेस और यूपीए की नीतियों से बुरी तरह तंग आ चुकी है। कांग्रेस ने भाजपा और बसपा से मिलकर संसद में बहुमत के रोड रोलर से जन आकांक्षाओं को कुचला है। उसने यह संविधान संशोधन लाकर संविधान विरोधी काम किया है।
केन्द्र में यूपीए और एनडीए जब भी सत्ता में रहीं इनके कारण देश की समस्याएं बढ़ी है। दोनों ने अपनी गद्दी बचाने के लिए क्षुद्रस्वार्थो से समझौते किए हैं। भाजपा देश तोड़ने वाली सांप्रदायिकता का जहर फैलाती है। कांग्रेस को सिर्फ सत्ता चाहिए उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहती है। इनके साथ बसपा सिर्फ अपनी स्वार्थ लिप्सा की पूर्ति के लिए जातिवाद का नंगानाच कर रही है।
समाजवादी पार्टी का स्पष्ट मत है कि प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था से समाज में गैर बराबरी फैलेगी, आपस में वैमनस्य बढ़ेगा और विघटनकारी शक्तियों को बल मिलेगा। यह व्यवस्था किसी भी तरह देशहित में नहीं है। यूपीए का यह कृत्य असंवैधानिक है। इस तरह यह विधेयक देश को प्रतिगामी शक्तियों के हवाले करने की एक गम्भीर साजिश का हिस्सा बनेगा। श्री मुलायम सिंह यादव का प्रयास इन साजिशों से बचाना और लोकतंत्र की प्रवृत्ति को पुनः स्थापित एवं संरक्षित करने का है। इसमें उनको पूरा सहयोग दिया जाना जनहित और देशहित में होगा।
अब यह भी असंदिग्ध रूप से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस न तो लोकतंत्र को बचा सकती है और नहीं वह धर्मनिरपेक्षता की रक्षा कर सकती है। गुजरात के नतीजों से जाहिर है कि वहां कांग्रेस ने सांप्रदायिक शक्तियों के सामने हार मान ली है। दूसरे ओर, श्री मुलायम सिंह यादव ही संाप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ सकने में समर्थ और सक्षम साबित हुए है। उनकी वजह से ही उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता से दूर हुई है और केन्द्र में एनडीए के बजाय यूपीए की सरकार बन सकी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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