आज देश के सामने अपनी सम्प्रभुता बचाने की चुनौती है। सरकारों ने अमरीका के सामने अपनी नीतियां गिरवी रख दी हैं, इस अमरीकी नीति के तहत ही एक तरफ एफडीआई के रुप में वालमार्ट जैसी कंपनियां आ रही हैं तो वहीं मुस्लिम युवकों को आतंकवाद के नाम पर जेलों में सड़ाया जा रहा है, इस चुनौती से पूरी जनता को मिलकर लड़ना होगा। यही अशफाक उल्ला खंा समेत सभी शहीदों को सच्ची श्रंद्धाजलि होगी। यह बातें पूर्व सांसद और माकपा नेता सुभाषिनी अली ने ‘साझी विरासत की चुनौतियां’ सम्मेलन में कहीं।
फार्बिस इंटर कालेज में आयोजित इस सम्मेलन में वरिष्ठ मानवाधिकार नेता गौतम नवलखा ने कहा कि 60 साल बाद आजादी झूठी साबित हो गई है। भारतीय सेना अपने ही देश वासियों को कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक गोलियों से छलनी कर रही है। मुसलमानों और आदिवासियों को आंतरिक शत्रु के बतौर खड़ा कर देश को कथित लोकतंत्र द्वारा चुनी गई सरकारें ही बांटने पर तुली हैं, जिसका मुकाबला जनता को करना होगा।
पूर्व पुलिस महानिरिक्षक एसआर दारापुरी ने पिछले दिनो संसद में आतंकवाद को रोकने के नाम पर काले कानूनों को पास करने का सवाल उठाते हुए कहा कि उनका मकसद पुलिस को वो सारी शक्तियां दे देना है जिससे मुस्लिमों, आदिवासियों, दलितों का दमन करना है।
वेलफेयर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कासिम रसूल इलियास ने कहा कि साझी विरासत को बचाने के लिए जरुरी है कि सभी आतंकी घटनाओं की जांच कराई जाय क्योंकि इन घटनाओं में अक्सर मुस्लिमों को फसाया जाता है जो 15-15 साल बाद बेदाग छूटते हैं। जिससे उस आदमी की जिन्दगी तबाह हो जाती है और इसका फायदा सांप्रदायिक शक्तियां मुसलमानों को बदनाम कर उठाती हैं।
आॅॅल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के नेता और इलाहाबाद विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने कहा कि बाबरी विध्वंस के बाद फैजाबाद में दंगा नहीं हुआ लेकिन मुसलमानों की हमदर्द बनने वाली सपा सरकार के शासन में दंगा हो गया जो सपा के सांप्रदायिक मंसूबे को दिखाता है जो भाजपा की मिलीभगत के साथ यूपी को गुजरात बनाने पर तुले हैं।
वरिष्ठ भाकपा माले नेता मुहम्मद सलीम ने कहा कि भारत की धर्मनिरपेक्षता की रक्षा सपा या कांग्रेस नहीं कर सकती इसे इस देश की जनता अपनी साझी विरासत के मूल्यों से फासीवादी सरकारों के खिलाफ लड़कर करेगी। अशफाक और राम प्रसाद बिस्मिल की साझी शहादतों का दौर अभी जारी है,, क्योंकि राज्य का दमन बदस्तूर जारी है, ऐसे में यह लड़ाई नए भारत का निर्माण करेगी।
रिहाई मंच के संयोजक मुहम्मद शुऐब ने कहा कि आईबी देश को आतंकवाद के नाम पर बांटने की कोशिश में लगी हैं। उन्होंने कहा कि आरडी निमेश जांच आयोग की रिपोर्ट बताती है कि कचहरी विस्फोट में पकड़े गए तारिक और खालिद निर्दोष हैं और उन्हें एटीएस और खुफिया एजेंसियों ने फंसाया है, लेकिन सपा सरकार इस रिपोर्ट को जारी न कर दोषी अधिकारियों को बचाने में लगी है।
पीयूसीएल नेता महताब आलम ने कहा कि आपरेशन ग्रीन हंट और आतंकवाद के नाम पर आदिवासियों-मुसलमानों का दंमन कर सरकारें साम्राज्य विरोधी आंदोलन को कमजोर कर रही है।
अध्यक्षता कामरेड सीताराम वर्मा और संचालन अनिल सिंह ने किया। डीवाईएफआई द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में सत्भान सिंह जनवादी, गुफरान, हाफिज अब्दुल हफीज, सैयद निजाम अशरफ, जलाल सिद्किी, तारिक सईद सुधीर सिंह, केपीसिंह, दिनेश सिंह, कमलेश यादव, आरडी आनंद, स्वप्निल श्रीवास्तव, मंजर मेहदी, रघुवंश मणि, जीतेेन्द्र राव, आरजे यादवख् जमुना सिंह, आफाक, शाहआलम, राजीव यादव इत्यादि लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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