उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आज़म खाॅं ने मदरसा मिनी आई0टी0आई0 के मुख्य अनुदेशकों/अनुदेशकों व अन्य स्टाफ़ के मानदेय में वृद्धि किये जाने के प्रस्ताव वाली पत्रावली को एक लम्बे समय से इधर-उधर घुमाने व उस पर अन्तिम निर्णय न लेने के लिये संबंधित अधिकारियों के उदासीन रवैये की निन्दा की है। उन्होंने कहा कि इस रवैये के चलते न केवल प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गयी है बल्कि उनकी स्वयं की छवि पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास किया गया है।
इस प्रकरण पर अपनी गहरी नाराज़गी जनाते हुये श्री आज़म खाॅं ने कहा कि इस मानदेय से संबंधित पत्रावली को इधर-उधर घुमाकर संबंधित विभागीय अधिकारियों ने इस पर कोई अन्तिम निर्णय लेने में अनावश्यक विलम्ब की है जिसके फलस्वरूप मदरसा मिनी आई0टी0आई0 के अनुदेशक व अन्य कर्मी भुखमरी के कगार पर आ गये हैं। अधिकारियों का यह रवैया न केवल अमानवीय है बल्कि अपराध तुल्य है। उन्होंने कहा कि इन विभागीय अधिकारियों का कारनामा अक्षम्य है। उन्होंने अधिकारियों को सचेत किया कि वे राजनीतिज्ञों की भूमिका न अदा करंे, बल्कि सरकार को सभी निर्णय लेने दें।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि उनके अथक प्रयासों और इस प्रकरण में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप करने से अब यह स्पष्ट हो गया कि आगामी कुछ दिनों में मदरसा मिनी आई0टी0आई0 के अनुदेशकों व अन्य कर्मियों के मानदेय में वृद्धि किये जाने का निर्णय ले लिया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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