उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि राज्यमार्गाें के किनारे भूमि का नियोजित विकास करने हेतु एक कार्ययोजना बना ली जाए, ताकि आगामी वर्षाें में सुनियोजित विकास के साथ-साथ आवागमन हेतु सड़कों का विकास हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की आगामी पांच वर्षाें में समस्त जिला मुख्यालयों को प्रदेश मुख्यालय से चार लेन से जोड़ने की महायोजना है, लगभग 24 हजार करोड़ रूपये व्यय कर लगभग 2500 किलोमीटर से अधिक सड़कें बनाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि हाईवे पर आवागमन नियंत्रण करने तथा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किनारे पर रिक्त भूमि का उपयोग कर सड़कें बनाने हेतु कार्ययोजना आगामी एक माह में प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि कार्ययोजना बनाने हेतु उपाध्यक्ष गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, मुख्य नगर एवं ग्राम्य नियोजक, निदेशक भूमि अध्याप्ति तथा यमुना एक्सप्रेस-वे के अधिकारियों की एक समिति गठित की जाए, जो अन्य प्रदेशों का अध्ययन कर कार्ययोजना में अपना सुझाव सम्मिलित करें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्यमार्गाें के किनारे भूमि का नियोजित विकास सम्बन्धी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़कों के किनारे की भूमि को नियोजित रूप से विकसित किया जाए, ताकि रिक्त जमीन का अधिग्रहण आसानी से हो सके, परन्तु किसी भी किसान का किसी भी तरह का नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि यह योजना आगामी वर्षाें के लिए बहुत ही हितकर होगी। उन्होंने कहा कि विकास क्षेत्रों के बीच में पड़ने वाले गांवों की आबादी क्षेत्रों की भूमि भी बंदोबस्त रूप से शेटल की जाए, ताकि किसी भी भूस्वामी को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी उपीडा श्री मुकुल सिंघल, सचिव वित्त श्री एम0 देवराज सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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