पुलिस महानिदेशक, अम्बरीष शर्मा, के र्निदेश पर अरूण कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उ0प्र0 द्वारा प्रदेश के समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षक, परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक, प्रभारी जनपद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये गये है कि थानों पर साप्ताहिक ड्यूटी व्यवस्था एवं बीट प्रणाली का पुर्नगठन कर 01 जनवरी, 2013 से लागू किया जाये।
अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि साप्ताहिक ड्यूटी सिस्टम के अन्तर्गत सभी थानों में उपलब्ध सभी कर्मचारियों का ड्यूटी चार्ट थाना स्टाफ द्वारा रविवार को थानाध्यक्ष के निकट पर्यवेक्षण में बनाया जाएगा। उक्त ड्यूटी चार्ट सप्ताह में आने वाले दिनों, यथा-सोमवार से रविवार, तक प्रभावी होगा। यानी पूरे सप्ताह एक कर्मचारी एक ही ड्यूटी करेगा। यदि दो कर्मचारियों को किसी एक चैराहा विशेष पर पिकेट ड्यूटी पर लगाया गया है तो वे पूरे सप्ताह उसी चैराहे पर पिकेट ड्यूटी करंेगें। उपरोक्त ड्यूटियों का अंकन थाने की जनरल डायरी में रविवार को किया जाएगा। ड्यूटियों को ड्यूटी रजिस्टर में लिखा जाएगा। जिससे कर्मचारी ड्यूटी रजिस्टर से अपनी ड्यूटी ज्ञात कर सके, इसलिए ड्यूटी चार्ट की एक प्रति थाने के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा किया जाएगा। सप्ताह के दिनों में जो भी थोडी बहुत ड्यूटियों में, अवकाश आदि के कारण, परिवर्तन हो, उसका तस्करा संशोधन जनरल डायरी व ड्यूटी चार्ट में अंकित किया जाएगा। सभी कर्मचारियों के लिए ड्यूटी में दो शिफ्ट(पाली) बनायी जाएगी। प्रथम पाली प्रातः 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक तथा दूसरी पाली रात्रि 9 बजे से प्रातः 9 बजे तक होगी। कर्मचारियों को निर्देशित किया जाए कि यदि उनकी ड्यूटी बीच पाली में खत्म हो जाती है तो वे पाली की समाप्ति तक थाने के बैरक में रूकेंगें और आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध रहेंगे।
यह सम्भव है कि देहात के थाने में 9 बजे से 9 बजे के पाली की व्यवस्था कुछ ड्यूटियों के लिए बहुत सुविधाजनक न हो। ऐसी परिस्थिति में थानाध्यक्ष अपने विवेक से उन ड्यूटियों के लिए समय में आवश्यक संशोधन कर सकते हैं। प्रयास यह होना चाहिए कि प्रत्येक कर्मचारी से 12 घण्टे से अधिक ड्यूटी न लिया जाये और शेष 12 घण्टे के लिए उन्हें पूर्णतः विश्राम दे दिया जाये। यदि कोई कर्मचारी खाली समय में किसी कार्य से अपनी बीट में जाना चाहता है तो थाने के कार्यालय में इसकी सूचना नोट करवायेगा जिसके दौरान उसे अपना मोबाईल चालू रखना होगा। प्रत्येक ड्यूटी प्वाईंट पर चाहे गश्त हो, पिकेट हो, हमराह हो, बैंक ड्यूटी हो, कर्मचारियों की ड्यूटी रोटेट की जाएगी। एक कर्मचारी एक ही ड्यूटी प्वाईंट पर लगातार एक सप्ताह से ज्यादा कार्य नहीं करेगा। उपरोक्त व्यवस्था को और सटीक करने हेतु थानाध्यक्षों को सायॅकाल में पाली बदलने के समय, यानी रात्रि के 9 बजे कर्मचारियों की गणना कराकर उनसे वार्तालाप करना चाहिए, जिससे किसी ड्यूटी विशेष में यदि कोई समस्या आ रही है तो उसका निदान किया जा सके। थानाध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपलब्ध सीनियर उप-निरीक्षक द्वारा रोलकाल लिया जायेगा। शहरी क्षेत्र में लगने वाली पिकेट इत्यादि कुछ ड्यूटियाॅ ऐसी होंगी, जहाॅ से 9 बजे कर्मचारियों को गणना हेतु थाने पर बुलाना कदाचित सम्भव नहीं है, ऐसी ड्यूटियों पर लगने वाले कर्मचारियों को थानाध्यक्ष अपने विवेक से रोलकाल से मुक्त रख सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि साप्ताहिक ड्यूटी सिस्टम से दो ड्यूटियाॅ को मुक्त रखा जाय। संतरी ड्यूटी- जिसके लिए सप्ताह को 3 व 4 दिन में तोड़ा जाय। मोटरसाईकिल मोबाईल ड्यूटी- यह ड्यूटी मोटरसाईकिलों के रखरखाव को दृष्टिगत रखते हुए दो सप्ताह के लिए निर्धारित की जाय। शर्त यह है कि प्रथम सप्ताह में जो कर्मचारी दिन में ड्यूटी करेंगें वही कर्मचारी दूसरे सप्ताह में रात्रि की पाली में ड्यूटी उन्हीं मोटरसाईकिलों से करेंगें। इसी प्रकार प्रथम सप्ताह में रात्रि ड्यूटी करने वाले कर्मचारी द्वितीय सप्ताह में उन्हीं मोटरसाईकिलों से दिवस ड्यूटी करेंगें।
अपर पुलिस महानिदेशक द्वारा कहा गया है कि बीट कार्य एवं थाना रिजर्व हेतु पुलिस बल की व्यवस्था प्रत्येक थाने में प्रत्येक सप्ताह, कुल थाने में जितने हल्का/चैकी हैं, उसके कम से कम दो गुना और यदि सम्भव हो तो 3 गुना आरक्षियों को ड्यूटी चार्ट में रिज़र्व के काॅलम में अंकित किया जायेगा। इन समस्त कर्मचारियों की ड्यूटी सभी हल्के/चैकियों से समानुपातिक रूप से लगाई जायेगी। उपरोक्त रिज़र्व में से प्रत्येक हल्के के लिए एक-एक कर्मचारी को प्रतिदिन बीट कार्य के लिए आवंटित कर दिया जायेगा।
बीट व्यवस्था को लागू करने के लिए यह आवश्यक होगा कि थाने में नियुक्त सभी कर्मचारियों की परिस्थितियों के अनुसार हल्का आवंटित कर दिया जाये। एक हल्के को भी बीट में विभक्त कर प्रत्येक सिपाही को बीट आवंटित कर दिया जाए सभी बीट हेतु बीट बुक भी होना अपेक्षित है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा बीट के कान्सटेबिल से इस विषय में पूछताछ करने पर यह प्रक्रिया सुदृढ़ हो पाएगी। यह ध्यान रखा जाये कि प्रत्येक हल्के में कम से कम 4 कर्मचारी रखे जायें ताकि प्रत्येक कर्मचारी को एक सप्ताह, प्रत्येक माह में रिज़र्व हेतु डिटेल किया जा सके। शेष कर्मचारियों को 2ः1 के अनुपात में दिवस रिज़र्व एवं रात्रि रिज़र्व के रूप में बाॅट दिया जायेगा। एक-एक सीनियर कर्मी को दिन व रात में इंचार्ज बनाया जा सकता है। थानाध्यक्ष के लिए हमराह, जो सामान्यतः 4 पुलिस कर्मचारी डिटेल किये जाते हैं, उनकी ड्यूटी को समाप्त करके हमराह कर्मचारियों को रिज़र्व में से लिया जाएगा। रात्रि में हमराह ड्यूटी के बाद बचने वाले रिज़र्व कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार दबिश, चेकिंग, अतिरिक्त गश्त/पिकेट हेतु भी इस्तेमाल किया जाय। इसके अतिरिक्त बैंक ड्यूटी में लगे कर्मचारी, जिनकी बैंक ड्यूटी सामान्यतः 3-4 बजे के बाद समाप्त हो जाती है, इनको सुबह थाने से प्रस्थान करने के समय उस क्षेत्र से सम्बंधित प्रार्थना-पत्रों की जाॅच इत्यादि का कार्य दिया जाए ताकि पाली समाप्ति तक यानी रात्रि 9 बजे तक इनसे बीट वर्क लिया जा सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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