एस जे फाउंडेषन ने आज राश्ट्रीय राजधानी में आयोजित रंगारंग एवं भव्य पुरस्कार वितरण समारोह में डा. ई. श्रीधरण, स्वर्गीय सत्येन्द्र कुमार दुबे और सुभाश चंद्र अग्रवाल सहित निःस्वार्थ समाज सेवा करने वाले 20 प्रतिश्ठित व्यक्तियों को एस आर जिंदल पुरस्कार 2012 से सम्मानित किया।
इस मौके पर उन हस्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया गया जो समाज की निःस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं। इन्हें कुल मिलाकर आठ करोड़़ रुपये की पुरस्कार राषि दी गयी। एस आर जिंदल पुरस्कार, 2012 निम्नलिखित आठ श्रेणियांे के लिए प्रदान किये गये। ये श्रेणियां हैं - (1) कृशि, ग्रामीण विकास एवं गरीबी उन्मूलन, (2) स्वास्थ्य सेवा - औशधि रहित उपचार एवं प्राकृतिक चिकित्सा, (3) षिक्षा- नैतिक उत्थान पर विषेश बल, (4) विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण, (5) षांति, सामाजिक सद्भाव एवं सामाजिक विकास, (6) भ्रश्टाचार के खिलाफ अभियान (7) असाधारण समाज सेवा और (8) किसी भी क्षेत्र में मानव जाति के लिए अनुकरणीय सेवा। एक मानद पुरस्कार भी प्रदान किया गया। सेवाओं एवं संवाद के जरिये विष्व षांति को बढ़ावा देने वाले अहिंसा एवं वैष्विक मानवीय मूल्यों के प्रतीक श्री श्री रविषंकर जी ने पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। समारोह की अध्यक्षता पुरस्कार विजेताओं का चयन करने वाली जूरी के अध्यक्ष तथा उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीष न्यायमूर्ति आर सी लाहोटी ने की।
देष में भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिये महत्वपूर्ण योगदान एवं अनुकरणीय सेवा देने वाले व्यक्तियों एवं संगठनों को प्रोत्साहित करने के उद्देष्य से गत वर्श एस आर जिंदल पुरस्कार ंकी स्थापना की गयी थी। उम्मीद है कि एस आर जिंदल पुरस्कार के जरिये मिलने वाले सम्मान एवं पहचान सामाजिक उत्थान के प्रति उनके प्रयासों को और उत्प्रेरित करेगा।
एक करोड़ रुपये का पुरस्कार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिये डा. विजय पी भाटकर एवं भारत लोक षिक्षा परिशद को षांति, सामाजिक सद्भाव एवं सामाजिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये दिया गया।
एस जे फाउंडेशन के संरक्षक एवं जिंदल एल्यूमिनियम के सीएमडी डा. सीताराम जिंदल का दृष्टिकोण यह है, ‘‘मेरी नजर में समाज को वापस देने का सर्वाधिक व्यावहारिक और सार्थक तरीका यह है कि दुख की घडि़यां गिन रहे गरीबों एवं बंचितों के जीवन में उम्मीद पैदा किया जाये। मैं अल्बर्ट आइंस्टीन के इस विचार का प्रषंसक हूं कि ‘‘केवल वही जीवन सार्थक है जो दूसरों के लिये जिया जाता है।’’ यह आवश्यक है कि चुपचाप सेवा कार्य करने वाले निःस्वार्थ समाज सेवियों के योगदानों को समाज स्वीकार करे तथा उन्हें वह सम्मान प्रदान करे जिसके वे हकदार हैं ताकि अन्य लोग भी ऐसे कामों को आगे बढ़ाने के लिये प्रेरित हो सकें। इसी उद्देष्य को ध्यान में रखते हुए फाउंडेशन ने ‘‘एस आर जिंदल पुरस्कार’’ की स्थापना करने का फैसला लिया।
दिल्ली मेट्रो के विकास एवं स्थापना में असाधारण योगदान देने के लिये डा. ई श्रीधरण को एस आर जिंदल पुरस्कार (मानद) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वर्ष 1969 में स्थापित एस जे फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में काम करने वाला गैर राजनैतिक, गैर धार्मिक और धर्मार्थ ट्रस्ट है। इस फाउंडेषन ने अन्य धर्मार्थ संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने के अलावा, अनेक षैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों की स्थापना की है। यह फाउंडेशन छात्रवृत्ति के माध्यम से गरीब और योग्य छात्रों की मदद करता है। फाउंडेषन के बारे में अधिक जानकारी इस वेबसाइट से हासिल की जा सकती है - ूूूण्ेतरण्वितह
कृशि, ग्रामीण विकास एवं गरीबी उन्मूलन के लिये एक करोड़ रुपये का एस आर जिंदल पुरस्कार संयुक्त रूप से पुणे के बीएआईएफ विकास अनुसंधान फाउंडेषन तथा तिरूपति के राश्ट्रीय सेवा समिति (रास) को प्रदान किया गया। बीएआईएफ विकास अनुसंधान फाउंडेषन ने 12 राज्यों में 45 लाख आदिवासी एवं ग्रामीण परिवारों को सषक्त बनाया है जबकि राश्ट्रीय सेवा समिति ने तीन राज्यों में 10 लाख से अधिक ग्रामीणों को लाभ पहुंचाया है।
डा0 सीताराम जिंदल ने साल दर साल सतत पुरस्कार से योग्य व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए 125 करोड़ रुपये की राषि का कोश बनाया है। इस तरह के पुरस्कार नोबेल पुरस्कार जैसे कुछ दुर्लभ मामलों में ही प्रदान किये जाते हैं।
चेन्नई के अरविन्द आई हास्पीटल एवं द बनयान को स्वास्थ्य, औशधि रहित उपचार एवं प्राकृतिक चिकित्सा की श्रेणी में संयुक्त तौर पर एस आर जिंदल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अरविन्द आई हास्पीटल हर साल 27 लाख मरीजों को नेत्र चिकित्सा एवं देखभाल की सुविधायें प्रदान करता है जबकि द बनयान, चेन्नई मानसिक रूप से रुग्न बेघर महिलाओं के इलाज एवं पुनर्वास के लिये काम कर रहा है। इस पुरस्कार के तहत दोनों को संयुक्त रूप से एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राषि दी गयी।
नैतिक उत्थान को खास महत्व देते हुये षिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिये विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी और भारत के एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज को संयुक्त रूप से पुरस्कार प्रदान किया गया। विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी षिक्षा सेवा के क्षेत्र में सक्रिय है जो भारत के छह राज्यों में उच्च षैक्षिक एवं नैतिक मानदंडों को बनाये रखते हुये 63 विद्यालयों का संचालन कर रहा है जिसमें 22 हजार छात्र पढ़ रहे हैं। एसओएस चिल्ड्रेन विलेजज पारिवारिक वातावरण एवं देखरेख में 6135 बेसहारा बच्चों को निःषुल्क षिक्षा एवं चिकित्सा उपलब्ध करा रहा है। इन दोनों को संयुक्त रूप से एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राषि दी गयी।
असाधारण समाज सेवा की श्रेणी में एक करोड़ रुपये का पुरस्कार संयुक्त रूप से भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति तथा उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान को दिया गया। भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति हर साल 20 हजार से अधिक कृत्रिम अंग प्रदान करता है। उदयपुर का नारायण सेवा संस्थान पोलियो ग्रस्त लोगों को निःषुल्क इलाज उपलब्ध करा रहा है तथा उनका पुर्नवास कर रहा है।
भ्रश्टाचार के खिलाफ अभियान के लिये एक करोड़ रुपये का एस आर जिंदल पुरस्कार संयुक्त रूप से स्वर्गीय सत्येन्द्र कुमार दुबे, श्री संजीब सिंह कटियार उर्फ संजीबा तथा श्री अजय षंकर दुबे को दिये गया। स्वर्गीय सत्येन्द्र कुमार दुबे ने भ्रश्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी थी और उन्होंने एनएचएआई में भ्रश्टाचार का पर्दाफाष करने के लिये अपनी जान की कुर्बानी तक दे दी। श्री संजीब सिंह कटियार नुक्कड़ नाटकों एवं आरटीआई कानून के जरिये भ्रश्टाचार को उजागर करते रहे हैं और भ्रश्टाचार के खिलाफ संघर्श करते रहे हैं। श्री अजय षंकर दुबे ने मध्य प्रदष में मनरेगा एवं खनन लीज मामलों में भ्रश्टाचार को उजागर किया है।
‘‘किसी भी क्षेत्र में मानव जाति के लिये अनुकरणीय सेवा’’ के लिये एस आर जिंदल पुरस्कार के लिये श्री सुभाश चन्द्र अग्रवाल, श्रीमती फुलबासन यादव, भारत सेवाश्रम संघ, श्री टी दुर्योधन रेड्डी, श्री दीपेन्द्र मनोचा और अमर सेवा संगम को पुरस्कृत किया गया। इनके बीच एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राषि संयुक्त तौर पर दी गयी।
एस आर जिंदल पुरस्कार के लिए इस वर्श 2700 नामांकन प्राप्त हुुए और इस पुरस्कार के लिए असाधारण प्रतिक्रिया मिली। नामांकन पूरे देष से प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया में विज्ञापन के साथ-साथ एस जे फाउंडेषन की वेबसाइट के द्वारा आमंत्रित किये गये। प्राप्त नामांकन से उच्च अखंडता प्राप्त प्रतिश्ठित व्यक्तियों की ज्यूरी ने एक स्वतंत्र प्रक्रिया के द्वारा पुरस्कार के लिए चुनाव किया। ये पुरस्कार हर साल प्रदान किये जाएंगे।
इस पुरस्कार का चुनाव करने वाली ज्यूरी में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीष (ज्यूरी के अध्यक्ष भी) माननीय न्यायमूर्ति श्री आर. सी. लाहोटी, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीष न्यायमूर्ति श्री अजित प्रकाष षाह, भारत के पूर्व नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक श्री वी. के. षुंगलू, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के पूर्व सचिव श्री धनेन्द्र कुमार, प्रख्यात पत्रकार डा. वेद प्रताप वैदिक, अलीगढ़ मुस्लिम विष्विद्यालय के पूर्व चाइस चांसलर श्री नसीम अहमद तथा श्री एन. पी. गुप्ता (सेवा निवृत आईएएस तथा एस जे फाउंडेषन के महासचिव) जैसी सामाजिक योगदान करने वाली प्रतिश्ठित हस्तियां षामिल थीं।
पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के बारे में अधिक जानकारी www.sjfprize.org पर उपलब्ध है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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