समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्द्र की कांग्रेस नेतृत्ववाली यूपीए सरकार ने किसान और गरीब दोनों को देष के दृश्यपटल से मिटाने का संकल्प कर लिया है। उसकी सारी नीतियां इनके विरोध में हैं। सत्ता के सभी सुख भोगने वालों को 6 सौ रूपए में पांच आदमियों के परिवार का महीने भर खर्च चल जाने का भरोसा है जबकि खुद उनके परिवार में पले पशुओं पर प्रतिदिन इससे दुगना तिगुना खर्च हो रहा होगा। कांग्रेस का यह तरीका नया नहीं है क्योंकि पहले से ही गरीबी हटाओं के नाम पर गरीबों को ही हटाने का अभियान चल रहा है।
मंहगाई की मार से सबसे ज्यादा पीडि़त आम आदमी है। डीजल और रसोई गैस के दाम बढ़ा दिए गए हैं। खाद की किल्लत पैदा कर दी गई है। आम जरूरत की चीजों की कालाबाजारी हो रही है। फसल की लागत बढ़ गई है किन्तु गन्ना किसानों को केन्द्र सरकार मात्र 170 रूपए प्रति कुंतल का भाव देकर उन्हें तबाही में ढकेलती है। चीनी मिल मालिकों को चीनी के दाम बढ़ाने की छूट दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 290 रू0 कुंतल गन्ने के दाम दिए हैं।
केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों से बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को लूट की छूट मिली हुई है। खुदरा बाजार में भी विदेशी प्रत्यक्ष पूंजीनिवेश को छूट दे दी गई है। इससे किसान वालमार्ट जैसी कम्पनियों का बंधक बन जाएगा। उसकी फसल मनमानी कीमतों पर खरीदी जाएगी। विदेशी कम्पनियों की मनमानी से मंहगाई और बढ़ेगी तथा गरीब को तंगहाली में सिवा आत्महत्या के दूसरा रास्ता नहीं सुझाई देगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद की बहस में मंहगाई रोकने के लिए डा0 राम मनोहर लोहिया की “दाम बाधो“ नीति को लागू करने की मांग की थी किन्तु बहरी केन्द्र सरकार ने उस पर कान नहीं दिया। जब तक केन्द्र सरकार समाजवादी नीतियां लागू नहीं करेगी तब तक न तो मंहगाई नियंत्रण में आएगी और नहीं भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार किसानों और गरीबों की स्थिति में सुधार के लिए निरंतर प्रयासशील है। किसानों के लिए तमाम रियायतें घेाषित की गई हैं। गरीब महिलाओं और वृद्धों को साड़ी तथा कम्बल बांटने का निर्णय हो चुका है। आगे की पढ़ाई जारी रखने और शादी व्याह के लिए मुस्लिम लड़कियों को 30, हजार रूपए का अनुदान दिया जा रहा है। स्वयं केन्द्र सरकार द्वारा गठित सच्चर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मुस्लिमों की हालत दलितों से भी बदतर है। रंगनाथ मिश्र आयेाग ने उनके लिए कुछ सिफारिशें भी की थी किन्तु कांग्रेस ने इनकी उपेक्षा कर रखी है। समाजवादी पार्टी मुस्लिमों को आनुपतिक आरक्षण देने के पक्ष में है। कांग्रेस प्रोन्नति में आरक्षण के बहाने जातीय राजनीति करनेवालों की हमदर्दी हासिल करने की फिक्र में है जबकि यह कदम देश के सामाजिक सौहार्द के तानाबाना को नष्ट करनेवाला है। मुस्लिम और दलित दोनों कांग्रेस की नीतियों के शिकार होकर दुर्दशाग्रस्त है। समाजवादी पार्टी ही उनके हितों का संरक्षण कर सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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