भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 201 में प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए उत्तर प्रदेष राजस्व संहिता विधेयक 2006 पर अनुमति प्रदान कर दी गयी है। यह राज्य का अधिनियम बन गया है।
उल्लेखनीय है कि यह विधेयक मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में पिछली सरकार द्वारा इस विधेयक को विधान मण्डल से वर्ष 2006 में पारित किया गया था। उस समय भी राजस्व मंत्री के पद पर अम्बिका चैधरी जी कार्यरत थे। विगत सरकार द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी। तत्पष्चात 2012 में पुनः श्री अखिलेष यादव जी के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी की सरकार गठित हुई इस सरकार के गठन के तत्काल बाद इस अधिनियम को जनहित में तथा प्रदेष हित में राष्ट्रपति को भेजने का निर्णय लिया गया। तत्पष्चात द्वारा इस पर अनुमति प्रदान कर दी गयी है। इस अधिनियम से प्रदेष में चल रहे राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी आयेगी तथा इस अधिनियम से उत्तराखण्ड राज्य गठित होने के कारण उससे संबंधित अधिनियम को बाहर कर दिया गया है। इस अधिनियम में यूनाइटेड प्रोविसेंस रेवेन्यू आफिसर्स रेग्यूलेषन, 1803 से उत्तर प्रदेष भौमिक अधिकार (संक्रामण विनियमन) (पुनः अधिनियम तथा वैधीकरण) अधिनियम, 1972 सहित कुल लगभग 32 अधिनियम को विषेष स्थान दिया गया है।
इससे संबंधित राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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