प्रदेष के सहकारिता मंत्री षिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सहकारिता विभाग के उप निबंधक, सहायक निबंधक एवं शीर्ष स्तर पर जहां पर गड़बडि़या उजागर हुई है उसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता को सहकारी संस्थाओं पर बहुत श्रोसा है इसलिए इस विभाग से भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाय। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण ही रिजर्व बैंक आफ इण्डिया ने 25 जिला सहकारी बैंकों के लाइसेंस समाप्त कर दिये थे। अब प्रदेष सरकार के प्रयासों से 9 जिला सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक आफ इण्डिया से लाइसेंस प्राप्त हो गया है तथा 10 वा जिला सहकारी बैंक फैजाबाद को भी शीघ्र ही रिजर्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त हो जायेगा।
श्री यादव आज यहां कोआपरेटीव प्रषिक्षण केन्द्र रिंग रोड़ इन्दिरानगर के सभागार में प्रदेष भर से आये सभी उप निबंधकों, सहायक निबंधकों तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभागीय प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभागीय गड़बडि़यों की सही जांच नहीं हो रही है। एल0 डी0 बी0, पी0 सी0 एफ तथा उपभोक्ता आदि संस्थाओं में गड़बड़ी अधिक है। यदि यह संस्थाएं ठीक हो जाय तो सहकारी संस्थाओं का लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं में जो भ्रष्टाचार है, उसके लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार है।
श्री यादव ने कहा कि किसानों को समय से खाद एवं बीज उपलब्ध होना चाहिए। प्रदेष में खाद की कोई कमी नहीं है। चालू वर्ष में दो हजार करोड़ रूपये किसानों को ऋण वितरित करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही प्रत्येक कमजोर सहकारी समिति को अपना कारोबार प्रारम्भ करने हेतु 05 लाख रूपये दिये जायेंगे।
श्री यादव ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 845 करोड़ रूपये की योजना प्रारम्भ की जा रही है इससे प्रदेष में अनाजों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के भण्डारण की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेष में 7400 सहकारी समितियों है जिसमें से वर्तमान में 1500 समितियों के द्वारा ही गेहूॅं एवं धान खरीद किसानों से किया जाता है। इस कार्य हेतु समितियों की संख्या इस वर्ष बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य है इसके साथ ही प्रदेष में उर्वरक फण्ड गठित करने का प्रस्ताव है।
श्री यादव ने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित अनाज का समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि 30 जून तक किसानों से बकाया ऋणों की वसूली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी कार्यों में रूचि नहीं ले रहे है। इसलिए सहकारिता विभाग की योजनाओं में गति नहीं आ रही है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सहकारिता श्री देवाषीष पाण्डा, सहित शीर्ष सहकारी संस्थाओं के प्रबंधक निदेषक, एवं अपर निबंधक सहकारिता ने भाग लिया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार विधान सभा में मंत्रिगण को परामर्श देने के लिए श्रम एवं वन विभाग के लिए वर्ष 2012-2013 के लिए स्थाई समितियों का गठन किया गया है।
प्रमुख सचिव, विधान सभा प्रदीप कुमार दुबे के अनुसार श्रम स्थायी समिति में अताउररहमान, अरूण वर्मा, गोरख पासवान, जफर आलम, दयाशंकर वर्मा, श्री देवेन्द्र अग्रवाल, मनोज कुमार पाण्डेय, रमेश चन्द्र दूबे, श्रीमती विजमा यादव, अयोध्या प्रसाद पाल, मो0 आसिफ, राम प्रसाद चैधरी, लोकेन्द्र सिंह, रविन्द्र जायसवाल, अजय कपूर व डा0 मो0 अय्यूब को नामित किया गया है। इसी प्रकार वन विभाग की स्थाई समिति के लिए आशीष यादव, श्रीमती पिंकी सिंह, मो0 इरफान, राजकुमार उर्फ राजू यादव, श्रीमती राजमती, देवेन्द्र प्रताप सिंह, धर्मेश सिंह तोमर, प्रमोद कुमार गुप्ता, मदन चैहान, अवस्थी बाला प्रसाद, इन्द्रपाल सिंह, मो0 अलीम खां, बावन सिंह साध्वी सावित्री बाई फुले, मुुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञानेन्द्र प्रताप, भगवती प्रसाद को नामित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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