प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज यहां बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मण्डल के महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया एवं कुशीनगर जनपदों की लगभग 92000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाली गण्डक नहर को बिहार सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश की सहमति एवं पूर्व सूचना के बन्द कर दिए जाने से रबी फसल का संकट उत्पन्न हो गया था। उक्त नहर बन्द रहने के कारण लगभग 2.25 लाख कास्तकार प्रभावित हो रहे थे इससे कास्तकारों/जनता में असंतोष व्याप्त था उन्होंने बताया कि बिहार सरकार की उक्त एकतरफा कार्यवाही की सूचना मिलते ही तत्काल बिहार सरकार एवं भारत सरकार से वार्ता की गई।
मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव सिंचाई द्वारा इस संबंध मे भारत सरकार एवं बिहार सरकार से वार्ता तथा पत्रों के माध्यम से तत्काल बैठक कर समस्या का समाधान कराने का अनुरोध किया गया जिसके फलस्वरुप इस विषय पर भारत सरकार के सचिव जल संसाधन के स्तर पर दिनांक 13.12.2012 को दोनो प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई । प्रदेश की ओर से प्रमुख सचिव, सिंचाई एवं बिहार सरकार की ओर से प्रमुख सचिव, जल संसाधन एवं प्रमुख अभियंता, जल संसाधन द्वारा भाग लिया गया।
प्रदेश के प्रमुख सचिव सिंचाई द्वारा प्रदेश का पक्ष प्रस्तुत किया गया। बिहार के अधिकारियों द्वारा भी कतिपय कठिनाइयां बतायी गई जिसे दूर करने में उत्तर प्रदेश द्वारा हर सम्भव सहयोग किए जाने का आश्वासन दिया गया। प्रदेश के किसानों की उक्त समस्या के समाधान हेतु सचिव, जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार ने बिहार सरकार को यह निर्देश दिए गये हंै कि गण्डक नहर में सम्पूर्ण रबी सीजन अर्थात् 25 दिसम्बर, 2012 से मार्च 2013 तक अनवरत रुप से जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।
बिहार सरकार द्वारा भारत सरकार को उक्त निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मण्डल के जनपदों को सिंचित करने वाली पश्चिमी गण्डक नहर के दिनांक 25 दिसम्बर 2012 से अनवरत रुप से चलने से उक्त क्षेत्र के कृषकों को रबी- 1420 की फसल के दौरान सिंचाई की समस्या का सामना नही करना पडे़गा। यह प्रदेेश सरकार की एक बड़ी सफलता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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