भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर आय से अधिक सम्पत्ति के मामले मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज दिये गये फैसले का स्वागत किया। उन्होने कहा मा0 उच्चतम न्यायालय द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जांच को लेकर सीबीआई को दिये गये दिशा निर्देश के बाद मुख्यमंत्री को अपना पद त्याग देना चाहिए। क्योंकि संवैधानिक पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच की सम्भावना नहीं हैं।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि 18 फरवरी से आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में लम्बित पुर्नःविचार याचिका का निर्णय सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके भाई प्रतीक यादव पर लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया गम्भीर माना है। साथ ही सीबीआई को जांच को जल्द पूरा करने की हिदायत भी दी है। डा0 बाजपेयी ने सीबीआई द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच किये जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अखिलेश यादव सीबीआई को जांच में सहयोग करेंगे। क्या मुख्यमंत्री सीबीआई दफ्तर जांच के लिए जायेंगे? उन्होंने यूपीए सरकार द्वारा जांच को राजनीतिक हथकंडे के रूप में दुरूपयोग किये जाने की आशंका जताते हुए मांग की कि ज्युडिशियल निगरानी में मामले कि जांच की जाये।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने लालू यादव, राबड़ी देवी और हवाला मामले मे नाम आने के बाद लालकृष्ण अडवाणी और मदन लाल खुराना द्वारा अपने पद से त्याग पत्र दिये जाने की याद दिलाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि वे भी नैतिकता के आधार पर अपना पद त्याग कर सीबीआई को जांच मंे सहयोग दे। प्रदेश में धान की खरीद मे हो रही अनियमतओं पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए डा0 बाजपेयी ने कहा पूरे प्रदेश में धान की खरीद के लिए सरकारी स्तर पर क्रय केन्द्रो की स्थापना सुव्यवस्थित ढ़ग से नही कि गई है। फलस्वरूप किसानों को काफी दिक्कतों का समना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि धान की खरीद में हो रही लापरवाही के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ता सप्ताह भर जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि 19 दिसम्बर को चंदौली में होने वाले धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम में वे स्वयं नेतृत्व करेंगे। धान खरीद को लेकर पार्टी द्वारा धरना प्रदर्शन के माध्यम से किसान हितो की लड़ाई लड़ी जायेगी साथ ही जनता में सपा सरकार का किसान विरोधी चरित्र भी उजागर किया जायेगा।
संसद पर हुए हमले की 11वी बरसी पर डा0 बाजपेयी ने हमले के आरोपी अफजल गुरू को तत्काल फांसी दिये जाने की मांग की। उन्होंने काबीना मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा द्वारा अफजल की फांसी की सजा को आजीवन कारावास मे बदलने के बयान को दुखःद बताते हुए कहा कि मुझे उनकी बुद्धिमता पर तरस आता है। ऐसा बयान देकर उन्होंने शहीदों का अपमान किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से मांग की कि अफजल को फांसी दिये जाने में आ रही बाधाओं को दूर करें साथ ही अफजल की पैरोकारी करने वाले मंत्री को बर्खास्त करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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